इस्राइल को ईरान के हमले से बचाने के लिए आगे आया अमेरिका, ड्रोन्स को मार गिराया

इस्राइल को ईरान के हमले से बचाने के लिए आगे आया अमेरिका, ड्रोन्स को मार गिराया

दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, वहीं हमास और इस्राइल बीते छह महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब ईरान और इस्राइल के बीच भी जंग छिड़ती दिख रही है। ईरान ने शनिवार को इस्राइल पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। इस कदम के बाद दो कट्टर दुश्मन देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इस्राइली सेना ईरान की हिमाकत का जवाब दे रही है। वहीं, अमेरिका भी अपने दोस्त देश का साथ दे रहा है। बताया जा रहा है कि ईरान द्वारा इस्राइल की ओर दागे गए ड्रोन को अमेरिकी सेना मार गिरा रही है। हालांकि, अभी यह नहीं पता चला है कि सेना किस तरह से ड्रोन को मार गिरा रही है। सक्रिय अमेरिकी बलों की रक्षा के लिए तैनात
एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, 'इस्राइल की सुरक्षा के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता है, इसलिए अमेरिकी सेना इस्राइल को निशाना बनाने वाले ईरानी ड्रोन को नष्ट करना जारी रखेगी। हमारी सेना सुरक्षा में अधिक सहयोग देने और क्षेत्र में सक्रिय अमेरिकी बलों की रक्षा के लिए तैनात हैं।' 

दो घंटे तक हुई बैठक
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान द्वारा इस्राइल पर हमला करने के ठीक बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के बीच बैठक हुई। बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली।

हर स्थिति से अवगत बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वाटसन ने कहा कि कुछ घंटों में हमला और तेज होने की उम्मीद है। साथ ही अमेरिका यहूदी राज्य का समर्थन करेगा। उन्होंने बताया, 'ईरान ने इस्राइल के खिलाफ हवाई हमला शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति बाइडन को उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम हर स्थिति से अवगत करा रही है। हम आज दोपहर व्हाइट हाउस में उनके साथ मुलाकात करेंगे।'
 
इस बीच, राष्ट्रपति बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ मिलने और पश्चिम एशिया की स्थिति की निगरानी करने के लिए अपने डेलावेयर बीच हाउस में अधिक समय तक नहीं रुकने का फैसला लिया। 

यह है हमले की वजह
गौरतलब है, ईरान ने एक अप्रैल को अपने दमिश्क वाणिज्य दूतावास पर इस्राइली हमले के लिए प्रतिशोध लेने की कसम खाई है, जिसमें दो वरिष्ठ कमांडरों सहित सात गार्ड अधिकारियों की मौत हो गई थी। हालांकि, इस्राइल ने वाणिज्य दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। 

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