आकोला में नानी बाई का मायरा भरा
आकोला,( रमेश चंद्र डाड) स्थानीय गांव में शनिवार को नानी बाई का मायरा कथा प्रसंग में भक्तराज नरसी की प्रार्थना सुनकर भगवान द्वारिका से दौड़ कराए जो जो सामग्री सूची में लिखी गई थी सभी सामग्री साथ लेकर के पधारे नानी बाई ने भगवान का अभिनंदन किया नगर अंजार को 56 करोड़ का मायरा भगवान ने पहनाया कथा के दौरान बेटी को हिम्मत बनाते हुए नरसी जी ने गजेंद्र मोक्ष का उदाहरण दिया गज के लिए भगवान एक क्षण में बैकुंठ त्याग कर धरा पर उतर आए हैं भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं होने देते हैं बस शर्त यह है भगवान के प्रति निष्ठा श्रेष्ठ होनी चाहिए जिसकी भी निष्ठा श्रेष्ठ है उसके काम कभी बिगड़ते नहीं है जो जीव सर्वजन हिताय का भाव रखते हैं परमात्मा उनके जीवन में कभी निराशा नहीं होने देते आयोजक परिवार ने बहुत सुंदर माई रे का आयोजन किया राधा-कृष्ण नानी बाई की सुंदर झांकियों के दर्शन हुए गाजे-बाजे के साथ झांकियां आई फूलों की बरसात के साथ मायरा बसाया गया पूरा पंडाल झूम कर नाचने लगा भाव ही सर्वस्व है भावही आधार है भाग वाले भक्तों का हो जाता बेड़ा पार है