देवस्थान धनोप माता मंदिर पर विभाग की बिना अनुमति के हो रहे निर्माण कार्य पर लगी रोक

धनोप (राजेश शर्मा) । राजस्थान सरकार कार्यालय वृत्त अधीक्षक, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, अजमेर वृत्त, अजमेर से शनिवार 19 अप्रैल 2025 को वृत्त अधीक्षक, अजमेंर (अति० चार्ज) नीरज कुमार त्रिपाठी पांच स्टाफ साथियों के साथ धनोप माता मंदिर पहुंचे। धनोप माता देव स्थान पर विभाग जो राजस्थान सरकार द्वारा 5 करोड़ का बजट पास किया गया है। इस संदर्भ में अजमेर से आई हुई टीम द्वारा देखरेख किया गया। जिसमें पाया गया कि बिना स्वीकृति के ही मंदिर निर्माण कार्य होना जारी मिला। जबकि धनोप माता मंदिर देवस्थान 1968 से ही राज्य सरकार के अधीन लिया गया।सोमवार 21 अप्रैल 2025 को नोटिस देते हुए देवस्थान धनोप माता मंदिर निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए पुजारीयों से 7 दिवस में जवाब मांगा। गौरवतलब है कि संरक्षित स्मारक धनोप माता मंदिर धनोप जिला भीलवाड़ा में बिना अनुमति के करवाये जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर समस्त पुजारीगणों को नोटिस दिया गया तथा साथ ही 7 दिवस में जवाब मांगा गया। उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि अधेहस्ताक्षरकर्ता द्वारा दिनांक 19 अप्रैल 2025 को वृत्ताधीन संरक्षित स्मारक धनोप माता मंदिर धनोप जिला भीलवाड़ा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि स्मारक पर बिना विभाग की अनुमति के निर्माण कार्य किये जा रहे है। राजस्थान स्मारक, पुरावशेष, स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम, 1961 की धारा 3 की उपधारा 4 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा विभाग की अधिसूचना दिनांक 16 सितम्बर, 1968 (राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 12 दिसम्बर, 1968) के अनुसार धनोप माता मंदिर, धनोप जिला भीलवाडा को राजकीय महत्व का मानकर संरक्षित घोषित कर रखा है।आप द्वारा संरक्षित स्मारक पर बिना विभाग की अनुमति के निर्माण कार्य करवाये जा रहे है। आपके द्वारा स्मारक पर करवाये जा रहे निर्माण कार्यों को तुरन्त प्रभाव से रोक दिया जाये अन्यथा आपके विरूद्ध राजस्थान स्मारक, पुरावस्तु, स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम 1961 एवं राजस्थान स्मारक पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु नियम, 1968 के तहत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी स्वयं पुजारीयों की होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार 22 अप्रैल को पुजारीगणों की मीटिंग ली गई तथा आपस में चर्चा हुई और धनोप माता मंदिर के 20 पुजारी परिवारों में हड़कंप मच गया।