जान से भी प्यारी होती हैं ये 3 चीजें

जान से भी प्यारी होती हैं ये 3 चीजें
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आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान के जीवन में कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी होती हैं. उन्होंने विशेष रूप से तीन चीजों का उल्लेख किया है – दौलत, औरत और औलाद. ये तीनों ही व्यक्ति के जीवन में इतनी गहराई से जुड़ी होती हैं कि इनके लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है.

. धन

धन इंसान की जरूरतों को पूरा करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है. चाणक्य के अनुसार, धन न केवल भौतिक सुख-सुविधाओं का माध्यम है, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान का भी स्रोत है. जिस व्यक्ति के पास धन होता है, समाज में उसकी एक अलग पहचान होती है. कई बार व्यक्ति धन की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देता है. यही कारण है कि दौलत को जान से भी ज्यादा प्रिय कहा गया है.

पत्नी/प्रेमिका जान से भी प्यारी होती हैं ये 3 चीजें

चाणक्य नीति में महिला को एक विशेष स्थान दिया गया है. चाणक्य कहते हैं कि एक सच्चे जीवनसाथी की उपस्थिति व्यक्ति के जीवन को संपूर्ण बना देती है. पत्नी या प्रेमिका के प्रति भावनात्मक लगाव इतना गहरा होता है कि व्यक्ति उसकी खुशी और सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. एक सच्चे और स्नेही रिश्ते में औरत व्यक्ति की ताकत बन जाती है, और यही उसे अनमोल बनाता है.

संतान

संतान के प्रति माता-पिता का प्रेम स्वाभाविक होता है. चाणक्य के अनुसार, औलाद व्यक्ति का भविष्य और वंश होती है. बच्चे की मुस्कान, उसकी सफलता और सुरक्षा के लिए माता-पिता हर कठिनाई झेलने को तैयार रहते हैं. औलाद के लिए एक इंसान अपने सपनों, धन और यहां तक कि अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करता.

चाणक्य की ये नीति आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक है. दौलत, औरत और औलाद – ये तीनों ही इंसान के जीवन के वो स्तंभ हैं, जिनके बिना उसका जीवन अधूरा सा लगता है. इसलिए इनकी कद्र करना और संतुलन बनाए रखना ही असली समझदारी है.

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