अबूझ सावा पर बाल-विवाहों की रोकथाम के निर्देश

अबूझ सावा पर बाल-विवाहों की रोकथाम के निर्देश
बाल विवाह रोकने को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट

चित्तौड़गढ़। अक्षय तृतीया को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार ने सभी उपखंड अधिकारियों को बाल विवाह की रोकथाम हेतु कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान में अक्षय तृतीया (आखातीज) एवं पीपल पूर्णिमा पर अबूझ सावा होने के कारण बाल विवाह होने की संभावना अधिक रहती है। उक्त क्रम में आगामी अक्षय तृतीया दिनांक 10 मई एवं पीपल पूर्णिमा दिनांक 23 मई पर बाल-विवाहों की रोकथाम हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

जिला व ब्लॉक स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बाल विवाह की रोकथाम की समुचित कार्यवाही की जावे एवं इसके बाद भी यदि बाल विवाह का आयोजन होता है तो सम्पूर्ण जवाबदेही, विधिक कार्यवाही करें। आमजन एवं स्वयंसेवी संस्थाओ के माध्यम से बाल विवाह की सूचना चाइल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, स्थानीय पुलिस, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई अथवा बाल आयोग को किया जाना सुनिश्चित किया जावें ताकि समय पर बाल विवाह रोका जा सकें।

बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर सम्बन्धितों के खिलाफ कार्यवाही करने के दौरान ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, चाईल्ड लाईन एवं स्थानीय प्रतिनिधियों को भी साथ में रखा जावे। बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी गोपनीय रखी जावे तथा उसको प्रोत्साहित किया जावे। विवाह से सम्बन्धित व्यक्तियों यथा पंडित या धर्म गुरू, कार्ड प्रिंटिंग प्रेस, रसोईया, बैंड बाजे वाले, इत्यादि को बाल-विवाह नहीं करवाने तथा ऐसी जानकारी मिलने पर पुलिस अथवा चाइल्ड हैल्पलाइन को सूचित करने हेतु संदेश प्रसारित करवाया जावे। बाल विवाह को करवाने में सहयोग करने वाले एवं बाल विवाह को प्रोत्साहित करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही करवाया जाना सुनिश्चित किया जावे। बाल विवाह रोके जाने हेतु सक्षम न्यायालय से इंजक्शन ऑर्डर लिया जाना सुनिश्चित करावें । बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे मे जागरूकता अभियान चलाया जावें।

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