चित्तौड़, राजसमंद और जोधपुर में राजूपतों को साधने के लिए यूपी CM योगी का सहारा

चित्तौड़, राजसमंद और जोधपुर में राजूपतों को साधने के लिए यूपी CM योगी का सहारा

राजस्थान में दूसरे चरण के चुनावों के लिए कैंपेन की शुरुआत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करने जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ शनिवार को चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर रोड शो करेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और प्रत्याशी सीपी जोशी के समर्थन में निंबाहेड़ा में दोपहर 12:45 बजे मालगोदाम से शेखावत सर्कल रोड शो करेंगे। इसके बाद वे राजसमंद लोकसभा क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी महिमा सिंह के समर्थन में भी भीम के मेला ग्राउंड पर दोपहर 2:30 बजे जनसभा को संबोधित करेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके बाद जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समर्थन में जोधपुर में शाम 5:20 बजे पर रोड शो करेंगे। चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी में एंटी लॉबी का बहुत बड़ा असर देखने को मिल सकता है। यह सीट चंद्रभान आक्या, गुलाबचंद कटारिया और वसुंधरा राजे के प्रभाव वाली है। चंद्रभान आक्या का टिकट विधानसभा चुनावों में काटे जाने के बाद राजपूत वोटर बीजेपी से नाराज चल रहा है।

बता दें कि राजपूतों को साधने के लिए जोशी ने हाल में रणधीर सिंह भिंडर और गजेंद्र सिंह सामर को पार्टी में शामिल करवाया। लेकिन यह दांव कितना काम करेगा ये देखने वाली बात है। क्योंकि भिंडर यहां बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे गुलाबचंद कटारिया के धुर विरोधी माने जाते हैं। विधानसभा चुनावों के लिहाज से देखें तो चित्तौड़गढ़ लोकसभा में आने वाली आठ विधानसभाओं में से BJP ने छह पर जीत दर्ज की। एक पर कांग्रेस और एक पर बीजेपी के बागी चंद्रभान सिंह आक्या जीते।


मावली- बीजेपी बागी कुलदीप सिंह चूंडावत का प्रभाव

इनमें मावली विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पुष्करलाल डांगी जीते। उन्हें 77,686 वोट मिले। जबकि बीजेपी के कृष्ण गोपाल पालीवार को 76,129 वोट मिले। लेकिन इस सीट पर आरएलपी के कुलदीप सिंह चूंडावत को भी 32,521 वोट मिले जो एंटी जोशी खेमे में हैं। वहीं, यहां कांग्रेस के पुष्कर लाल डांगी पायलट समर्थक हैं। इसके अलावा यहां भारत आदिवासी पार्टी के समर्थकों की तादाद भी हजारों में है, जो इस बार कांग्रेस को सपोर्ट कर रही है।


वल्लभनगर- भिंडर की वापसी, पर बीजेपी खुश नहीं

विधानसभा चुनावों में यहां कांग्रेस की प्रीति शक्तावत को बीजेपी के उदयलाल डांगी ने चुनाव हराया था। जीत का अंतर करीब 20 हजार वोट थे। इसके अलावा यहां जनता सेना के रणवीर सिंह भिंडर भी चुनाव लड़े थे, जो करीब 47 हजार वोट लेकर आए थे। भिंडर वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाते रहे हैं। लेकिन सीपी जोशी ने लोकसभा चुनावों से पहले उनकी बीजेपी में वापसी करवा दी। हालांकि, यहां डांगी और भिंडर के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। वहीं, यहां डांगी जाति में पायलट के भी बड़े समर्थक हैं।

कपासन- यहां बेनीवाल का बड़ा असर

यह सीट विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पास रही। लेकिन यहां आरएलपी का बड़ा असर है। आरएलपी के आनंदी राम यहां लगभग 30 हजार वोट लेकर गए। इस बार हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के अलायंस पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां मुस्लिम और धाकड़ वोट बड़ी संख्या में हैं, जो इस समय एंटी जोशी खेमे में माने जा रहे हैं।

चित्तौड़गढ़- आक्या से हाथ मिला पर दिल भी मिलेगा

चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट पर सीपी जोशी के कहने पर चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट कटा। इसके बाद आक्या निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। हालांकि, लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने आक्या और सीपी जोशी की आदवत को खत्म करने की कोशिश की है। लेकिन नामांकन के दौरान सीपी जोशी ने मंच पर नरपत सिंह राजवी को भी बुलाया, जिन्होंने आक्या के खिलाफ यहां चुनाव लड़ा। ऐसे में यह मैसेज आक्या के समर्थकों के लिए ठीक नहीं गया।

निंबाहेड़ा- वसुंधरा राजे के प्रभाव वाली सीट

इस सीट पर बीजेपी के श्रीचंद कृपलानी चुनाव जीते हैं। लेकिन उन पर वसुंधरा राजे की छाप है। वसुंधरा राजे सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। लेकिन मौजूदा सरकार में उन्हें कोई पद नहीं मिला। ऐसे में कृपलानी इस सीट पर जोशी को कितना सपोर्ट करेंगे, यह भी देखने वाली बात होगी।

बड़ी सादड़ी- यहां कटारिया लॉबी और बीएपी का प्रभाव

लोकसभा चुनावों से पहले सीपी जोशी ने एंटी कटारिया लॉबी के रणधीर भिंडर और पूर्व जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह सामर को पार्टी में शामिल कर लिया। बड़ी सादड़ी सीट वैश्य वर्ग के प्रभुत्व वाली है और यहां कटारिया का खासा प्रभाव है। यहां के मौजूदा विधायक गौतम दक भी कटारिया के आदमी माने जाते हैं। वहीं, इस सीट पर बीएपी का भी खासा प्रभाव है।

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