भीलवाड़ा । माँ दुर्गा की भक्ति का महापर्व नवरात्रा 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। कोरोना काल के कारण इस बार मंदिरों में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। विधिविधान से पूजन एवं अनुष्ठान पूर्व की भांति होते रहेंगे। गलि-मौहल्ले- चौराहों पर गरबा रास के आयोजन भी नहीं होंगे।
सरकार के 31 अक्टूबर तक धार्मिक आयोजन पर रोक लगाने व शहर में धारा 144 लागू होने के कारण मंदिरों में कार्यक्रम नहीं होंगे। नवरात्रा पर मंदिरों में कार्यक्रम नहीं होने से इस बार अधिकांश परिवारजन घरों में ही नवरात्रा को महोत्सव के रूप में मनाएंगे। इसके लिए बाजारों में फूटपाथ पर सजे प्रतिमाओं के बाजारों में छोटी मुर्तियों की खरीददारी जोरों पर है। हालांकि मुर्तिकार बिक्री के लिए बड़ी मुर्तियां भी लेकर पहुंचे है लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर इस बार कोई कार्यक्रम नहीं होने से बड़ी प्रतिमाओं के उन्हें खरीददार नहीं मिल रहे। दरअसल चार दिन बाद 17 अक्टूबर से शक्ति की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रा शुरू होने जा रहा है। इसके लिए शहर में पुर रोड, प्रतापनगर स्कूल के पास, पांसल चौराहा, आईटीआई के बाहर व चित्तौडग़ढ़ रोड़ पर प्रतिमाओं के बाजार सज गए है। महज चार दिन शेष होने के चलते यहां प्रतिमाओं की खरीददारी भी बढ़ गई है। लोग बड़ी संख्या में प्रतिमाएं लेने पहुंच रहे है लेकिन अधिकांश छोटी प्रतिमाएं ही खरीद रहे है। यह प्रतिमाएं वह घरों में स्थापित कर नौ दिन तक आराधना करेंगे। इस बार कोरोना काल के चलते सरकार के 31 अक्टूबर तक धार्मिक आयोजन पर रोक लगाने व शहर में धारा 144 लागू होने के कारण सार्वजनिक स्थानों पर पांडालों में हर साल होने वाले मुर्ति स्थापना व अन्य कार्यक्रमों पर रोक है। मंदिरों में भी इस बार किसी तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि प्रसिद्ध शक्तिपीठों पर रंगरोगन का कार्य प्रांरभ हो गया। मंदिरों में रंगाई पुताई के साथ ही लाइटिंग व अन्यसजावट के कार्य चल रहे है।