पश्चिम बंगाल के 16 सदस्यों ने पुरलिया छाऊ नृत्य की दी प्रस्तुति
चित्तौड़गढ़। स्पिक मैके के तत्वावधान में स्थानीय चैप्टर द्वारा पश्चिम बंगाल के पारंपरिक नृत्य पुरलिया छाऊ की दो प्रस्तुतियां नीरजा मोदी स्कूल व गंगरार स्थित मेवाड यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई। पुरलिया के पुरखो से मिली शिक्षा से तमल कान्ति रजक ने 16 सदस्यो के साथ आकर्षक प्रस्तुतियां दी। छाऊ नृत्य भारत की एक आदिवासी मार्शल आर्ट शैली है, जो उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है। पुरलिया कलाकारों ने नृत्य के द्वारा महिषासुर वध एवं अन्य संस्कृति को बेहद सुंदर मुखोटे से दर्शाया। जेपी भटनागर ने स्पिक मैके के बारे में बच्चो को परिचित कराया। स्कूल में आयोजित कार्यक्रम द्वारा बच्चो में भारतीय संस्कृति एवं नृत्य कला को दर्शाया है, जिससे बच्चो को कला एवं संस्कृति का मार्गदर्शन मिलता है। कार्यक्रम के अंत में पुरुलिया छाऊ नृत्य कलाकर एवं उनके सदस्यों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। दूसरी प्रस्तुति गंगरार स्थित मेवाड यूनिवर्सिटी में चेयरमैन अशोक कुमार गदिया की अध्यक्षता तथा उप कुलपति डॉ आलोक मिश्रा, रजिस्ट्रार डॉ राजा के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुई।