ज्योतिषीय सिद्धांतों के अनुसार सूर्य के उत्तरी गोलाद्र्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होने से 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर परछाई भी साथ छोड़ देगी। श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होता है। कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में खीची गई एक कल्पनिक रेखा हैं। भारत में कर्क रेखा गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर निकलती है। गुजरात का अहमदाबाद, मध्यप्रदेश का उज्जैन व भोपाल, जबलपुर, शहडोल, छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर, झारखंड का रांची और पश्चिम बंगाल का हुगली और राजस्थान के बांसवाड़ा शहर से होकर गुजरती है। अत: दोपहर को इन स्थानों पर परछाई कुछ पल के लिए शून्य हो जाएगी अर्थात दोपहर ठीक बारह बजे इन स्थानों पर आपकी परछाई गायब हो जाएगी। वेधशालाओं में आप इस अनोखी खगोलीय घटना को शंकु यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देख सकते है। इस दिन सबसे बड़ा दिन और रात सबसे छोटी होगी। सूर्योदय सुबह पांच बजकर 42 मिनट पर और सूर्यास्त शाम सात बजकर 16 मिनट पर होगा। इस प्रकार साल का दिन सबसे बड़ा 13 घंटे 34 मिनट का और रात 10 घंटे 26 मिनट की होगी। 21 जून के बाद सूर्य की गति दक्षिण की ओर होगी। इसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहते हैं। इस दिन के बाद दिन धीरे-धीरे छोटे होंगे।