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खेल सुविधाओं को तरसता बाकरा, जबकि यहां 250 से ज्यादा राज्यस्तरीय खिलाड़ी

खेल सुविधाओं को तरसता बाकरा, जबकि यहां 250 से ज्यादा राज्यस्तरीय खिलाड़ी

शक्करगढ़ (सांवरिया सालवी) शाहपुरा, जिले के अंतिम छोर पर बसे गांव बाकरां अपने युवा खिलाडिय़ों कि मेहनत से आज अपना अलग स्थान बना चुका है। गांव से विभिन्न खेलों में 250 से ज्यादा राज्यस्तरीय खिलाड़ी है, 17 बीपीईडी डिग्री धारी और 17 ही शारीरिक शिक्षक बन चुके हे। इनमे से अधिकतर एससी, एसटी वर्ग से है। किंतु दु:ख कि बात यह है कि गांव में सुविधा युक्त खेल मैदान नहीं है। खिलाडिय़ों ने अपनी मेहनत से ख़ुद को बनाया है। शाहपुरा जिला बनने के बाद यहां के युवाओं को बड़ी उम्मीद है, बरसों से उपेक्षा का शिकार रहे इस क्षेत्र कि तरफ सरकार का ध्यान जाएगा। पूर्व में सांसद आदर्श ग्राम योजना में भी बहेडिय़ा ने गोद लिया पर खेल सुविधाओं के विकास में हालात चिंता जनक है खेल से जुड़े जानकारों का कहना हे की इस क्षेत्र का हर युवा खेल से जुड़ा हुआ है जिन्हे तलाश कर तराशने की जरूरत हे। दुर्भाग्य से खेल सुविधाएं तो दूर की बात हे पर अभ्यास के लिए ढंग का खेल मैदान भी नही हे। संसाधनों के अभाव ओर आर्थिक तंगी के चलते खेल प्रतिभाएं अपना दम दिखाने से पहले ही दम तोड रही है। विशेष कर इस ग्राम पंचायत की बालिकाएं जो खेल में अपना दबदबा राष्ट्रीय लेवल तक बना चुकी हे, जिन्हे आज सुविधाओ के अभाव में घर पर रूकना मजबूरी बनी हुई है। खेल से जुड़े युवाओं ने बताया की इस ग्राम पंचायत में एक उच्च माध्यमिक तीन उच्च प्राथमिक और तीन प्राथमिक विधालय चल रहे है, लेकिन एक भी जगह खेल मैदान आवंटित नही है। यहाँ से कबड्डी, फुटबॉल, बॉलीबॉल, सॉफ्टबॉल, एथलेटिक सहित कई खेलो के राज्य सतरीय ही नही बल्कि राष्ट्रीय खिलाड़ी भी निकले है। 
गांव में छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने अपना परचम लहराया हैं। ग्रामीणों ने राज्य बीज निगम अध्यक्ष व मंत्री धीरज गुर्जर से उम्मीद लगाई की राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय से 500 मिटर दूरी पर करीबन 30 बीघा चारागाह भूमि है, वहां खेल मैदान के लिए भूमि आवंटित कराए और खेल मैदान का विकास कराए।