जोधपुर.
अपराधिक प्रवृत्ति में लिप्त बदमाश तो व्हॉट्सऐप का सहारा ले ही रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी में कालाबाजारी करने में लिप्त व्यक्ति भी व्हॉट्सऐप से बात करते हैं। एसओजी ने 50 हजार रुपए में रेमडेसिवर का एक इंजेक्शन बेचने के मामले में सिरोही जिले के शिवगंज में जिस दवाई दुकानदार को पकड़ा था वह भी सिर्फ व्हॉट्सऐप पर ही बात करता था। एसओजी ने दुकानदार, नर्सिंगकर्मी व एमआर सहित पांचों आरोपियों को रिमाण्ड पर लिया है।
एसओजी सूत्रों के अनुसार प्रकरण में गत एक मई को शिवगंज में वीनस मेडिकल के संचालक क्षितिज मेवाड़ा व उसके सहयोग प्रवीण कुमार मीणा को पकड़ा गया था। इनसे पूछताछ के बाद अजमेर से राहुल व जोधपुर से नर्सिंगकर्मी आदित्य प्रकाश वैष्णव और एमआर ऋषभ दाधीच को भी हिरासत में लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने इन पांचों को जयपुर की कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को तीन-तीन दिन रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। उपाधीक्षक संजय आर्य जांच कर रहे हैं।
तीस हजार में मंगाकर 50 से 70 हजार में बिक्री
एसओजी की अब तक की जांच में सामने आया कि अजमेर निवासी राहुल कालाबाजारी में रेमडेसिवर के इंजेक्शन लेता है और तीस-तीस हजार रुपए में प्रति इंजेक्शन आदित्य व एमआर ऋषभ को भेजता था। जिन्हें वे रोडवेज बस में पार्सल से शिवगंज में दवा दुकानदार क्षितिज मेवाड़ा तक पहुंचाते थे। वह 50 से 70 हजार रुपए में इंजेक्शन की कालाबाजी करता था।