भीलवाड़ा (हलचल)। एक ओर भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है वहीं कोरोना सैंपल की जांच के लिए बनी आरटीपीसीआर लैब के आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों के पॉजीटिव आने व कइयों के बीमार होने से जांच का काम बड़े पैमाने पर प्रभावित हो रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमण रोकने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है।
सूत्रों की मानें तो कोरोना की जांच के लिए बनी आरटीपीसीआर लैब के आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं वहीं कई कर्मचारियों की तबीयत नासाज होने की जानकारी मिली है। ऐसे में भीलवाड़ा की आरटीपीसीआर लैब में कोरोना सैंपल जांच का काम प्रभावित हुआ है। इसके चलते भीलवाड़ा के करीब 1000 सैंपल जांच के लिए अजमेर लैब में भेजे गए हैं। इससे जांच रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा और रोगियों को देर से उपचार मिलेगा, यह स्थिति गंभीर हालात पैदा कर सकती है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों लैब में कार्यरत टेक्नीशियन सरफराज मंसूरी की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। उधर, अजमेर में भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं और वहां की लैब में भी हजारों सैंपल पेंडिंग पड़े हैं। ऐसे में भीलवाड़ा से अजमेर भेजे गए सैंपल्स की जांच रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा और रिपोर्ट में पॉजीटिव मिलने वाले संभावित कोरोना संक्रमितों को समय पर उपचार नहीं मिल पाएगा जिससे स्थिति भयावह होने की आशंका है क्योंकि रिपोर्ट आने तक कोरोना पॉजीटिव बाहर घूमेंगे और पता नहीं कितने लोगों को संक्रमित कर देंगे। हालांकि चिकित्सा विभाग का कहना है कि कोरोना सैंपल देने वालों को रिपोर्ट आने तक होम क्वारंटाइन रहने की हिदायत दी जाती है लेकिन वे बाहर नहीं निकलेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है और चिकित्सा विभाग के लिए उन सबकी मॉनीटरिंग कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में हालात और बिगड़ सकते हैं, इस आशंका से कतई इनकार नहीं किया जा सकता।