भीलवाड़ा हलचल। स्वच्छता अभियान के जनक संत गाडगे जी महाराज की 145 वी जयंती के अवसर पर बापू नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ संत गाडगे जी व भीमराव अंबेडकर जी की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन शंभूलाल दसलानिया, कैलाश चंद्र , भेरुलाल जी अंचेरिया , सन्नी जी कोटिया प्रतापगढ़ द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम को विशाल शर्मा ने कविता (कोई चलता पद चिन्हों पर ,कोई पद चिन्ह बनाता है )के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया ।
रचना धोबी ने संबोधित करते हुए संत गाडगे जी की जीवनी पर प्रकाश डाला ।
चंद्रप्रकाश धोबी ने भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके विचार बताएं कि शिक्षा शेरनी का दूध दूंहने के बराबर है ,सिंबल ऑफ नॉलेज के रूप में बाबा साहब की पहचान बताई ।
पार्षद प्रत्याशी रामेश्वर दसलानिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत गाडगे जी के अनमोल विचार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि : भूखे को भोजन
प्यासे को पानी
वस्त्र हीन को वस्त्र
बेघर को सहारा
रोगी अंधे अपाहिज को औषधि
बेरोजगार को रोजगार
कुंज बिहारी जी तांगड़ बिजौलिया ने संबोधित करते हुए संत गाडगे जी के विचारों को बताते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए अगर पैसे नहीं हो तो घर के बर्तन बेचकर हाथ में रोटी लेकर खा लो परंतु बच्चों को जरूर पढ़ाओ ।
हरफूल अंचेरिया ने संबोधित करते हुए गाडगे जी द्वारा गांव-गांव घूमकर जहां गांव में गंदगी व कीचड़ के गड्ढे भरे होते वहां गांव वालों को साथ लेकर पूर्ण सफाई करके वहां पौधारोपण करवाते तथा सफाई होने के बाद में गांव वालों को बधाई देते तथा चंदे से जो दान इकट्ठा होता उससे उसी गांव में विद्यालय करवा देते ।
कार्यक्रम में 200 से अधिक महिला एवं पुरुषों ने भाग लिया।