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भीलवाड़ा बचत निधि पर एफआईआर दर्ज, पीडि़त का आरोप-सरकारी बैंक बताने से फंसे जाल में, जमा राशि हड़पी

भीलवाड़ा बचत निधि पर एफआईआर दर्ज, पीडि़त का आरोप-सरकारी बैंक बताने से फंसे जाल में, जमा राशि हड़पी

 भीलवाड़ा बीएचएन। कनेछन कलां निवासी और अभी आजाद नगर में रहने वाली एक महिला ने भीलवाड़ा बचत निधि लिमिटेड के खिलाफ सुभाषनगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। पीडि़ता का कहना है कि इस चिटफंड कंपनी को सरकारी बैंक बताकर लोगों से राशि जमा करवाई गई और बाद में जमा राशि के बदले चेक दिया जो बैंक से अनादरित हो गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी। 
सुभाषनगर पुलिस ने बीएचएन को बताया कि कनेछनकलां हाल आजाद नगर निवासी फोरिया देवी पत्नी महावीर बैरवा ने पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दी। पुलिस अधीक्षक के आदेश से यह एफआईआर सुभाषनगर थाने में दर्ज कर ली गई। फोरिया ने भीलवाड़ा बचत निधि लिमिटेड शापॅ नम्बर 01, प्रथम तल, मॉ नर्बदा काम्पलेक्स, दारू गोदाम के पास, भीलवाड़ा  के संचालक एवं प्रतिनिधि को आरोपित बनाया है।
फोरिया ने रिपोर्ट में बताया कि भीलवाड़ा बचत निधि लिमिटेड के नाम की एक अवैध चीटफण्ड कम्पनी कृष्णगोपाल शर्मा, राजेन्द्र शर्मा व इनके परिवारजन एवं परिचित द्वारा संचालित की गई। इसमें परिवादिया व परिवारजन एवं कई परिचितो को भिन्न भिन्न एजेन्टो के मार्फत ठगा गया और एक बहुत बड़ा अवैध वसूली का काण्ड उक्त संस्था द्वारा किया गया। फोरिया का आरोप है कि भीलवाड़ा बचत निधि, भीलवाड़ा की आज तक की सबसे बड़ी चिटफण्ड कम्पनी है। परिवादिया का कहना है कि इन  लोगों ने प्रमाण के तौर पर हमे पास बुकें और अन्य दस्तावेज निष्पादित  करके दिये। 
 चिटफण्ड कम्पनी ने लुभावना ऑफिस, बैंक जैसे फर्नीचर और फार्म एवं पासबुक आदि  छपवाई और  सभी को यही कहा कि यह एक सरकारी बैंक है । इसके अलावा संतुष्ठ किया गया कि इस संस्था का विधिक अस्तृित्व है और भारतीय रिर्जव बैंक से गर्वन होती है ।  दस्तावेजो पर भी इस प्रकार का विज्ञापन दर्शित किया गया। इन सब के कारण विभिन्न एजेन्ट और जमाकर्ता उक्त  लुभावने आश्वासनो में फंस गये। जिसमे से परिवादिया का परिवार भी है। इसके बाद उक्त जमाओ की राशियों की वसूली के लिए कई मर्तबा लोग इनके घर और ऑफिस पर गये जंहा पर लगातार चक्कर दिये जाते रहे। फोरिया ने रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि इसमे से एक व्यक्ति राजेंद्र शर्मा ने  आत्महत्या कर ली। इसके बाद  बचत निधि का परिवार बहुत हावी होने लग गया और  मुकदमे का भय भी दिखाने लगे। इससे  कई परिवार डर कर चुप बैठ गये ।  कम्पनी के संचालको  मे से एक राजेन्द्र शर्मा ने भुगतान पेटे एक फर्जी चैक भी दिया जो अनादरित हो गया। पुलिस ने इस रिपोर्ट पर मामला अपराध धारा 406,420 के तहत दर्जकर अनुसंधान एएसआई कमलेश कुमार  को सौंपा है।