सागरद्वीप से नम्रता पांडेय: मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा आरती (Ganga Aarti) से मां गंगा निहाल हो गयीं हैं. आज सालों बाद आखिरकार गंगासागर को उचित सम्मान मिला है. लोगों ने तो बहुत चाहा कि कोरोना महामारी के नाम पर गंगासागर(Gangasagar Mela News) में होने वाली ऐतिहासिक आरती को रोक दिया जाये, लेकिन होता वही है, जो ईश्वर चाहता है. ये बातें शुक्रवार की शाम के अवसर पर गंगासागर में होने वाली भव्य और गमेला (Gangasagar Mela Latest News Update) के इतिहास में पहली बार गंगासागर की भव्य आरती के बाद कपिलमुनि मंदिर के महंत ज्ञान दास ने कहीं.
उन्होंने कहा कि लोगों को यह पता ही नहीं कि विश्व में यदि मानव जाति के मोक्ष की कोई जगह है, तो वह गंगासागर ही है. संक्रांति लगने पर दक्षिण 24 परगना प्रशासन के प्रयास से गंगासागर को ढोल, शंख और घंटा बजाकर मां गंगा को जो सम्मान दिया गया है, हम प्रतिज्ञा लेते हैं कि जब तक हमारा जीवन रहेगा, गंगासागर आते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित निगरानी कमेटी के सदस्य राजू बनर्जी धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने प्रशासन को इस महान पहल की अनुमति दी.