पीपलूंद (दुर्गेश रेगर)। जहाजपुर उपखंड क्षेत्र के पीपलूंद कस्बे में मंगलवार को गणेश जी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मे मनाया गया | गणेश चतुर्थी के पूर्व शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया। गायक कलाकार ओम ओझा, ज्ञानचंद सेन, सुनील धाकड़, नृत्य कलाकार रघुवीर कोटा, सहित इत्यादि कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी। इस महोत्सव पर गणेश जी के मंदिर पर सुबह ग्राम वासियों ने गणेश जी की प्रतिमा को नया वाका चढ़ाकर श्रृंगार किया गया | इसके बाद दोपहर में महाआरती कर लड्डू, और मोदक, का भोग लगाया गया। इस गणेश चतुर्थी को गणपति जन्मोत्सव मनाया जाता है | मान्यता है, कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, बुधवार को दोपहर के समय हुआ था | दोपहर 12 बजे पूजा अर्चना कर महाआरती की गई। इसी के साथ आज से 10 दिन तक गणपति महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है |श्रद्धालु अपने अपने घरों में संपूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद प्रथम पूज्य गणपति की प्रतिमा को विराजमान कर रहे हैं | जो अगले 10 दिन तक आराधना के बाद अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमाओं का ढोल नगाड़ों और गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ विधिपूर्वक विसर्जन किया जाएगा | गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या से ही गणेश मंदिरों में भक्तों का आने-जाने का तांता लगा रहा |
पीपलूंद गणेश मंदिर के पुजारी राजेंद्र जोशी, ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दिन के समय बुधवार को हुआ था | जब माता पार्वती ने मिट्टी का गणेश जी बनाया था | और भगवान शिव जी ने उसमें प्राण डाले थे | और आज भी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन है | प्रतिवर्ष 7 दिनों तक अपने घर में मिट्टी से बनी हुई गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं | इन दिनों में श्रद्धालुओं सहित परिवार के लोग नियमित रूप से गणेश जी की भक्ति आराधना के साथ पूजा अर्चना करके मोतीचूर के लड्डू और मोदक, का भोग लगाते हैं। गणेश जी को मोतीचूर के बने लड्डू अतिप्रिय थे | इस मौके पर सर्व समाज के लोगों सहित ग्रामीण मौजूद रहे |