दिल्ली/ दिल्ली, गाजियाबाद व नोएडा के बाद अब जिले में भी हनीट्रैप गिरोह सक्रिय हो गया है। गिरोह से जुड़ी युवतियां फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत अन्य प्लेटफार्म पर दोस्ती का प्रस्ताव भेजकर वीडियो कॉलिंग करती हैं और वीडियो कॉलिंग में अश्लील हरकतें करती हैं। दूसरी तरफ से भी ऐसा करने के लिए उकसाती हैं। इसके बाद गिरोह वीडियो रिकॉर्ड करके उसे वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता है
कई मामलों में सामने आया है कि पीडि़त व्यक्ति ने अश्लील हरकतें नहीं की लेकिन गिरोह ने उनकी रिकॉर्डिंग कर उसे एडिट कर अश्लील बना दिया और ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी। पिछले एक माह में ही साइबर क्राइम सेल के पास इस तरह की 23 शिकायतें आई हैं। इन सभी पर जांच चल रही है। ये तो वह शिकायतें है जिनके पीडि़तों ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत दिखाई है, अधिकांश मामलों में पीडि़त बदनामी के डर से शिकायत नहीं करता और गिरोह को मुंहमांगी राशि दे देता है।
राजस्थान से संचालित हो रहे गिरोह
पुलिस जांच में आया है कि इस तरह के गिरोह राजस्थान और खासकर अलवर से संचालित हो रहे हैं। पुलिस इन पर कार्रवाई की कोशिश भी करते हैं लेकिन गिरोह के सदस्य इतने शातिर हैं कि पुलिस को चकमा दे फरार हो जाते हैं। सूत्रों से पता चला है कि सीमावर्ती जिलों की पुलिस की गिरोहों से मिलीभगत है, वह इन्हें बचाने में बड़ी भूमिका निभाती है।
ऐसे बचे गिरोह से
- कभी भी फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य किसी प्लेटफार्म पर किसी अनजान व्यक्ति की रिक्वेस्ट स्वीकार न करें
- वाट्सएप, फेसबुक समेत अन्य प्लेटफार्म पर कभी भी किसी अनजान युवती व व्यक्ति की वीडियो कॉल रिसीव न करें
- अपनी पर्सनल जानकारी व फोटो या वीडियो कभी भी किसी से शेयर न करें
- फेसबुक पर अपने सिक्योरिटी सिस्टम व प्राइवेसी को मजबूत करें
- यदि आपके साथ कोई गलत करता भी है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें
साइबर सेल अधिकारी का बयान
साइबर क्रमिनलों से बचने के लिए सावधानी सबसे बड़ा तरीका है। कभी भी किसी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें और अनजान व्यक्ति से वीडियो कॉल पर बात न करें। पूर्व में इस तरह की कई शिकायतें आई हैं, पुलिस आरोपितों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करेगी।