ऐसे ही लापरवाही रही तो भीलवाड़ा में आ सकता है कोरोना का बूम, मौतों से भी नहीं किया जा सकता इनकार

ऐसे ही लापरवाही रही तो भीलवाड़ा में आ सकता है कोरोना का बूम, मौतों से भी नहीं किया जा सकता इनकार

भीलवाड़ा (हलचल)। फिल्म गर्दिश का एक गाना तो आपने सुना ही होगा... हम न समझे थे बात इतनी सी...। यही गाना आजकल भीलवाड़ा के लोगों पर सटीक बैठ रहा है। कहने को पुलिस प्रशासन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे प्रयास कर रहा है लेकिन लोगों की बढ़ती लापरवाही को देखकर लगता नहीं है कि कोरोना का संक्रमण भीलवाड़ा में कम हो पाएगा। चारों ओर लोग बिना मास्क घूम रहे हैं और बाजारों में भीड़ है। हालांकि पुलिस को देखकर लोग मास्क लगा लेते हैं, कोरोना के भय से नहीं बल्कि चालान के डर से। थोड़ा आगे जाकर मास्क हटा लेते हैं। सोशल डिस्टेंस की पालना कहीं नहीं हो रही है और सैनिटाइजर को तो लोग भूल ही गए हैं। भीलवाड़ा में अगर ये ही हालात रहे तो कोरोना बूम आने से इनकार नहीं किया जा सकता। खुद सीएमएचओ डॉ. मुश्ताक खान भी इस बात को स्वीकार करते हैं। उन्होंने हलचल को बताया कि जब तक लोग खुद सवाधान नहीं होंगे तब तक कोरोना संक्रमण रोक पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे कोरोना की दोनों वैक्सीन लगवाकर जिले के वैक्सीनेशन को 100 प्रतिशत करने में सहयोग करें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजर का प्रयोग करें। अभिभावकों को चाहिए कि वे 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन लगवाएं और जो लोग पात्र हैं उन्हें प्रीकॉशन डोज लगवानी चाहिए। उन्होंने चेताया कि लापरवाही इसी तरह रही तो एक समय ऐसा भी आएगा जब भीलवाड़ा में कोरोना से मौतें होना भी शुरू हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि जब तक लोग खुद नहीं समझेंगे और लापरवाही नहीं छोड़ेंगे तब तक कोरोना के संक्रमण को रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
बच्चों में अभी सामान्य स्थिति
बच्चों में कोरोना संक्रमण की बात पर सीएमएचओ ने कहा कि अभी बच्चों में स्थिति इतनी गंभीर नहीं है। कुछ ही बच्चे संक्रमित हुए हैं और रिकवर भी हुए हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों व बुजुर्गों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। जब तक आवश्यक कार्य नहीं हो घर से नहीं निकलें और निकलें तो मास्क लगाकर निकलें और कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करें ताकि वे खुद भी कोरोना संक्रमण से बच सकें और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकें।
अब तक ओमिक्रॉन के 7 केस मिले, सभी रिकवर हुए
डॉ. खान ने बताया कि भीलवाड़ा में अब तक ओमिक्रॉन के 7 केस मिले हैं और सभी रिकवर हो चुके हैं। अभी भीलवाड़ा में ओमिक्रॉन का एक भी केस एक्टिव नहीं है। गंभीर लक्षणों वाले मरीजों की रिपोर्ट जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजी जा रही है।
रोज 1500+ सैंपलिंग हो रही
सीएमएचओ ने बताया कि अभी भीलवाड़ा में रोज 1500+ सैंपलिंग हो रही है। संक्रमित पाए गए मरीजों के संपर्क में आए लोगों की भी सैंपलिंग की जा रही है वहीं सर्दी-जुकाम (आईएलआई) के मरीजों की भी जांच करवाई जा रही है जिससे कि कोरोना संक्रमण को बढऩे से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि अभी रोज लगभग 200+ नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है कि भीलवाड़ा में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों को चाहिए कि वे ढिलाई बिल्कुल न बरतें।

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