भीलवाड़ा। हमारे जीवन में अच्छा-बुरा जो भी होता है उसमें मुख्य कारण हमारी वाणी होती है। सुंदर व प्रिय शब्दों से भरी वाणी सरस्वती का वरदान भी है तो अप्रिय व कठोर शब्दों का उपयोग क्लेश भी करा देते है। वाणी को मधुर बनाए ओर हमेशा प्यार से बोले। इस वाणी के कारण घर जगमगा भी सकते है तो जल भी सकते है। कभी किसी पर शब्दों के बाण मत चलाओ उसके परिणाम भोगने से केकयी, मंथरा, द्रोपदी से लेकर कोई आत्मा नहीं बच सकी है। शब्दों की लक्ष्मण रेखा को कभी नहीं लांधना चाहिए अन्यथा दुष्परिणाम तो भोगने ही पड़ते है। ये विचार के चन्द्रशेखर आजादनगर स्थित रूप रजत विहार में सोमवार को साध्वी डॉ. दर्शनप्रभा ने पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के सातवें दिन ßæणी को मधुर कैसे बनाए विषय पर प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। डॉ. शिव मुनि एवं अमरेश मुनि की जयंति पर गुणानुवाद किया गया। पर्युषण के अंतिम दिवस मंगलवार को महापर्व संवत्सरी मैत्री दिवस के रूप में मनाते हुए सामूहिक क्षमायाचना विषय पर प्रवचन होंगे। धर्मसभा में साध्वी ने कहा कि वाणी हमारे घर में शांति भी करा सकती है ओर अशांति का कारण भी बन जाती है। हमारी जुबान संभल गई तो जिंदगी भी संभल जाएगी। वाणी शस्त्र ओर शास्त्र दोनों का कार्य करती है। जीवन जीने की कला आ गई तो जीवन की बलाएं टल जाएगी। बिना सत्संग के जीवन व्यवहार में परिर्वतन मुश्किल है। साध्वी डॉ. समीक्षाप्रभा ने कहा कि इंसान की वाणी से ही उसके स्वभाव का पता चलता है। मन ओर विचार सुंदर होने पर वाणी भी मधुर होगी। हमारी वाणी में कभी अहंकार नहीं आना चाहिए। अहंकार ही इंसान को पतन के मार्ग पर धकेल देता है। जब हमारा शरीर भी अपना नहीं है तो अहंकार हम किस बात का करते है। साध्वी हिरलप्रभा एवं दीप्तिप्रभा ने भजनों की प्रस्तुति दी।
धर्मसभा में लक्की ड्रॉ के माध्यम से 11 भाग्यशाली श्रावक-श्राविकाओं को पुरस्कृत किया गया। पर्युषण के सातवें दिन प्रार्थना एवं नवकार मंत्र जाप में अजीतजी लोढ़ा परिवार एवं धर्मसभा में गौतमजी कुमठ परिवार एवं आंचलिया परिवार की ओर से प्रभावना का वितरण किया गया। धर्मसभा का संचालन युवक मण्डल के मंत्री गौरव तातेड़ ने किया। अतिथियों का स्वागत अरिहन्त विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सुकलेचा एवं पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
चातुर्मास में पर्युषण पर्व के दौरान जप, तप व साधना का भी ठाठ लगा हुआ है। किशनगढ़ से आई सुश्राविका नमिषा कोठारी ने सोमवार को 10 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। कई श्रावक-श्राविकाओं ने आठ, सात, छह, चार, बेला, उपवास, आयम्बिल, एकासन के भी प्रत्याख्यान लिए। पर्युषण में अखण्ड नवकार महामंत्र जाप सोमवार को भी जारी रहा।