जयपुर। राजस्थान में मानसून की विदाई के बाद मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही है। इससे ज्यादा घातक बीमारी डेंगू से आम लोग परेशान हैं। राज्य में अब तक डेंगू पीड़ितों के 2800 मामले सामने आ चुके हैं। भीलवाड़ा में भी डेंगू के मरीज काफी अधिक मात्रा में मिल रहे हैं यह चिकित्सा विभाग का अधिकारिक रिकार्ड है, लेकिन डेंगू पीड़ितों की संख्या इससे ज्यादा बताई जा रही है। ग्रामीण इलाकों और निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे कई मरीजों की जानकारी चिकित्सा विभाग तक नहीं पहुंची है। डेंगू के मामले बढ़ने के साथ ही खून और प्लेटलेट्स की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है। जयपुर में सितंबर में 290 और अक्टूबर में अब तक 92 डेंगू पीड़ित मिल चुके हैं। चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने बृहस्पतिवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर डेंगू, मलेरिया और जीका वायरस सहित अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने सभी जिला मुख्यालयों पर कंट्रोल रूप की स्थापना और रेपिड रेस्पान्स टीम गठित करने के लिए कहा है। शर्मा ने अस्पतालों में पैरासिटामाल, क्लोरोक्वीन सहित अन्य आवश्यक दवाओं का भंडारण और मच्छरों की रोकथाम के लिए पानी के ठहराव वाले स्थानों पर दवा का छिड़काव कराने के भी निर्देश दिए हैं। जयपुर, अलवर, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, जैसलमेर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा और दौसा जिलों में डेंगू मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया की जांचों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने जिला कलेक्टरों को घर-घर सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। किसी भी व्यक्ति विशेषकर बच्चों में सर्दी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द और खांसी जैसी बीमारी मिलने पर तत्काल अस्पताल में जांच कराने के लिए कहा गया है। इस वक्त प्रदेश के ज्यादातर जिलों में अधिकांश लोग बुखार की चपेट में हैं। जिलों के अधिकांश अस्पतालों की ओपीडी में भी भारी भीड़ देखी जा रही है।