boltBREAKING NEWS
  •   दिन भर की  न्यूज़ देखने के लिए भीलवाड़ा हलचल यूट्यूब चैनल लाइक और सब्सक्राइब करें।
  •  भीलवाड़ा हलचल न्यूज़ पोर्टल डाउनलोड करें भीलवाड़ा हलचल न्यूज APP पर विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे विजय गढवाल  6377364129 advt. [email protected] समाचार  प्रेम कुमार गढ़वाल  [email protected] व्हाट्सएप 7737741455 मेल [email protected]   8 लाख+ पाठक आज की हर खबर bhilwarahalchal.com  

सावन के सोमावार को इस विधि से रखें व्रत, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

सावन के सोमावार को इस विधि से रखें व्रत, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

हिंदू धर्म में सावन के महीने की विशेष स्थान है। ये पूरा महीना भगवान शिव की पूजा को समर्पित है। सावन मास में पड़ने वाले सोमवार पर भगवान शिव की व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। सभी शिवभक्त बेसब्री से सावन के सोमवार का इंतजार करते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार इस साल सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होरहा है जो 22 अगस्त तक रहेगा। सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ रहा है। इस साल सावन के महीने में चार सोमवार हैं। आइए जानते हैं सावन के सोमवार की व्रत और पूजन की विधि...

सावन के सोमवार की तिथियां

सावन का प्रत्येक दिन भगवान शिव के पूजन के लिए समर्पित है, लेकिन सोमवार को व्रत और पूजन का विशेष महत्व होता है। इस साल सावन के महीने में चार सोमवार पड़ रहे हैं। इन चारों सोमवार पर भगवान शिव के लिए व्रत रखा जाएगा...

पहला सावन सोमवार व्रत - 26 जुलाई

दूसरा सावन सोमवार व्रत - 02 अगस्त

तीसरा सावन सोमवार व्रत - 09 अगस्त

चौथा सावन सोमवार व्रत - 16 अगस्त

व्रत और पूजन की विधि

सावन के सोमवार के दिन प्रातः काल नहा कर, घर और पूजा स्थल को भी स्वच्छ कर लें। गृहस्थों को सोमवार के दिन केवल भगवान शिव ही नहीं बल्कि पूरे शिव परिवार का पूजन करना चाहिए। पूजा स्थल पर शिव परिवार का चित्र स्थापित करें। भगवान को धूप, दीप, फूल और जल चढ़ाए। भगवान शिव को बेल पत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए। अगर संभव होतो भांग, धतूरा और मदार भी शंकर जी को चढ़ाना चाहिए। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और गंगा जल से शिव जी का अभिषेक करें। सोमवार व्रत कथा का पाठ करना चाहिए और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव की आरती कर पूजा का समापन करना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'