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किसान आंदोलन: पूरे पंजाब में 1500 से ज्यादा दूरसंचार टॉवर किए गए क्षतिग्रस्त

किसान आंदोलन: पूरे पंजाब में 1500 से ज्यादा दूरसंचार टॉवर किए गए क्षतिग्रस्त

चंडीगढ़   किसान आंदोलन के चलते दूरसंचार टॉवरों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है। सूत्रों के मुताबिक अब तक 1500 से अधिक टॉवरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। कल तक यह संख्या 1411 थी लेकिन एक ही रात में 100 से अधिक टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है। 
दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाने के पीछे यह कहानी कही जा रही है कि नये कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इस आधार पर ही पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। हालांकि, यह अलग बात है कि अंबानी और अडाणी से जुड़ी कंपनियां किसानों से अनाज नहीं खरीदती हैं।मामले से जुड़े दो सूत्रों ने कहा कि कल से अब तक करीब 100 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचा है। जालंधर में तो जियो फाइबर केबल तक को नुकसान पहुंचाया गया है। एक सूत्र ने बताया कि पंजाब के विभिन्न स्थानों से दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने की सूचना है। उसने बताया कि जिन दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, उनमें से ज्यादातर जियो और दूरसंचार उद्योग के साझा बुनियादी ढांचा सुविधाओं से जुड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि हमलों का असर दूरसंचार सेवाओं पर पड़ा है और परिचालकों को पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं होने के कारण सेवाओं को बहाल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक स्थान पर तो टॉवर के लिए लगाया गया जेनरेटर ही भीड़ ले गई। इसके अलावा जियो कर्मियों को धमकियां देने और डरे हुए कर्मियों की वीडियो भी सामने आई हैं। पूरे पंजाब में जियो के 9 हजार से अधिक टॉवर हैं।  उल्लेखनीय है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से इस प्रकार के कार्यों से आम लोगों को असुविधा नहीं पहुंचाने की अपील की थी। उन्होंने किसानों से कहा कि जिस संयम के साथ वे आंदोलन करते आयें हैं, उसे बरकरार रखें। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा था, ''मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के बीच दूरसंचार संपर्क व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताते हुए किसानों से आंदोलन के दौरान उसी तरह का अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने को कहा जिसे वह दिल्ली सीमा पर और पूर्व के विरोध-प्रदर्शन में दिखाते आये हैं।'' किसानों के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक महीना पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री की यह अपील टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के आग्रह पर आई है। टीएआईपीए के आंकड़ों की बात करें 1600 टावरों को क्षतिग्रस्त किया गया है।