
दक्षिणेश्वर काली मंदिर- दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के किनारे स्थित है. इस मंदिर में मां भवतारिणी की मूर्ति स्थापित है. इन्हें मां काली का रुप माना जाता है. कहा जाता है कि यहां मां के दर्शनमात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं.

कोलकाता का दक्षिणेश्वर काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर मां की असीम कृपा बनी रहती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े किए थे तो उनके दाएं पैर की कुछ उंगलियां इसी जगह पर गिरी थी.

काली मां की अराधना करने वाले भक्तों के लिए कोलकाता का दक्षिणेश्वर मंदिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.

दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण 1847 में एक जमींदार और परोपकारी रानी रश्मोनी द्वारा कराया गया था. देवी काली का मंदिर कोलकाता का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है.

मंदिर में मां काली के अवतार मां भवतारिणी की पूजा की जाती है. 25 एकड़ में फैले इस मंदिर में हर रोज देश भर से हजारों श्रद्धालु आते हैं. यह मंदिर दक्षिणेश्वर में स्थित है और इसलिए इसे दक्षिणेश्वर काली मंदिर के नाम से जाना जाता है.