भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा में लावारिस लाश के साथ भी अमानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाता है। इसका जीता जागता उदाहरण यहां जिला अस्पताल की मोर्चरी में देखने को मिला है। दरअसल, बीते 6 दिनों से एक लावारिस लाश मोर्चरी में रखी है। जिसका पुलिस ने अब तक पोस्टमार्टम तक नहीं कराया। इसे पुलिस की लापरवाही कहें या चिकित्सा विभाग की, जिससे कि यह शव दाह-संस्कार की इंतजार में अब तक पड़ा है।
यह है मामला
पुलिस के अनुसार, 13 सितंबर को एक व्यक्ति को जिला अस्पताल में किसी ने भर्ती करवाया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। चिकित्सा विभाग ने इसकी सूचना एमजीएच चौकी पुलिस को दी। चौकी पुलिस ने मृृतक का जो नाम सामने आया वो गोपाल सिंह पुत्र भंवरसिंह राजपूत निवासी स्वरुप गंज, के आधार पर हमीरगढ़ थाना पुलिस को सूचना दे दी गई थी, लेकिन हमीरगढ़ पुलिस ने इस और ध्यान नहीं दिया।
72 घंटे के हैं निर्देश
लावारिस शवों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों की बात करें तो ऐसे शवों का 72 घंटे बीतने के बाद पुलिस को लावारिस शव का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश दिये गये हैं। लेकिन हमीरगढ़ थाना पुलिस 6 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक शव का दाह-संस्कार नहीं करवा पाई।
पुलिस करती है इतने दिन परिजनों का इंतजार
ऐसे मामलों में पुलिस मृतक के परिजनों का इंतजार 3 से 4 दिन तक करती है। अगर शिनाख्त नहीं होती है तो पुलिस ही लावारिस लाश का अंतिम संस्कार करती है। मृतक के कपड़े मालखाने में जमा करा दिए जाते हैं।
क्या कहना है थाना अधिकारी का
हमीरगढ़ थाना अधिकारी भंवर लाल से जब इस बारे में जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि एमजीएच चौकी से सूचना मिली थी कि परिजन भंवर सिंह राजपूत को भर्ती करवा कर गये, जिसकी मौत हो गई। परिजन वापस अस्पताल नहीं आये। इसके चलते पुलिस मोर्चरी गई। पता चला कि मृतक स्वरुपगंज का है, वहां पता किया तो उसके झालावाड़ क्षेत्र का होने की बात सामने आई। सिंह ने बताया कि पुलिसकर्मियों को झालावाड़ भेजा गया, लेकिन गांव का जो नाम नयापुरा सामने आया, वहां की पुलिस और सरपंच ने इस नाम के किसी व्यक्ति के वहां का निवासी होने से इनकार करते हुये लिखित में दे दिया। पहचान नहीं होने से अब बुधवार को शव का अंतिम संस्कार करवाया जायेगा।