विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं को फोटो युक्त पर्ची की जगह क्यूआर कोड वाली वोटर स्लिप दी जाएगी। इसे स्कैन करते ही जानकारी के साथ ही विधानसभा क्षेत्र और मतदान केन्द्र का ब्योरा भी मिल जाएगा। इससे मतदाताओं को मतदान केंद्र खोजने को भटकना नहीं पड़ेगा। मतदान से पांच दिन पहले यह पर्ची घर-घर बंटना शुरू होगी। निर्वाचन विभाग की ओर से 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांगों को होम वोटिंग की सुविधा के बाद क्यूआर कोड वाली वोटर स्लिप पहली बार दी जाएगी।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को फोटोयुक्त पर्ची की जगह इस बार क्यूआर कोड वाली वोटर स्लिप दी जा रही है। इसे स्कैन करते ही विधानसभा क्षेत्र और मतदान केन्द्र का सभी ब्योरा मिलेगा। इससे मतदाताओं को मतदान केंद्र खोजने के लिए भी भटकना नहीं पड़ेगा। बीएलओ ने यह पर्ची घर-घर बांटना शुरू कर दी है। निर्वाचन विभाग की ओर से 80 साल से ज्यादा आयु के बुजुर्ग और दिव्यांगों को होम वोटिंग की सुविधा के बाद क्यूआर कोड वाली वोटर स्लिप पहली बार दी जा रही है। मतदाताओं को वोटर स्लिप वितरित करने का कार्य शुरू हो गया है। वोटर स्लिप पर मतदाता का नाम, फोटो की जगह क्यूआर कोड, हेल्पलाइन नंबर, मतदान केंद्र की जानकारी, सूची में नाम, नंबर आदि की जानकारी अंकित है।
मतदाता पर्ची पर गूगल मैप से पोलिंग स्टेशन तक पहुंचाने की जानकारी भी इस पर्ची में दी जाएगी। इससे पोलिंग बूथ की राह आसान होगी। वहीं पर्ची में मतदान के दौरान रखने वाली आवश्यक सावधानियां भी छह बिंदुओं के माध्यम से मतदाता पर्ची के पीछे दर्शाई गई हैं।
साथ ले जाना होगा पहचान का दस्तावेज
मतदाता पर्ची के साथ पहचान से संबंधित कोई भी एक दस्तावेज ले जाने के बाद आसानी से मतदान हो जाएगा। पर्ची के साथ 12 तरह के दस्तावेजों में आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड, पासपोर्ट आदि में से एक लाना अनिवार्य है। पहली बार किए गए इस नवाचार का उद्देश्य मतदाताओं को मतदान संबंधित जानकारी घर बैठे उपलब्ध कराना, साथ ही मतदान कार्य में सरलता और पारदर्शिता लाना है।