भीलवाड़ा हलचल। प्रदेश की जेलों में सुधार को लेकर 'ऑपरेशन फ्लश आउटÓ के जरिए कार्रवाई कर जेलों में चल रही अवैध गतिविधियों पर लगाम कस रहे हैं। इसी के तहत जिला जेल की सघन जांच की गई तो बैरक में 25 ग्राम गांजा मिला। इसे लेकर जेल प्रशासन ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई है।
जानकारी के अनुसार, जेलों में बंद बंदियों द्वारा गैंग ऑपरेट करने या फिर जेलों में मोबाइल, मादक पदार्थ या अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिलने की खबरें सामने आने के बाद जेल महकमे की ओर से विशेष अभियान ऑपरेशन फ्लश आउट चलाया गया है। इस अभियान के दौरान प्रदेश की जेलों में औचक निरीक्षण कर बंदियों की बैंरकों और जेल परिसरों को खंगाला जा रहा है।
अभियान के तहत जेलों में पहुंच रही प्रतिबंधित सामग्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही जेलों को आरामगाह मानने वाले हार्डकोर बदमाशों या जेल से गैंग चलाने वाले बदमाशों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है.। 'Óऑपरेशन फ्लश आउटÓÓ के तहत जिला जेल में जेल प्रबंधन ने तीन टीमें गठित कर सघन तलाशी की। इस दौरान जेल की बैरिक से बंदियों को बाहर बैठा दिया गया। मुख्य प्रहरी भवानी सिंह गुर्जर ने उत्तरी दिशा से बंदियों के सामान की तलाशी शुरू की। इस दौरान बंदी चैनाराम व सुरेश, बिजाराम देवासी के कपड़े के बैग की तलाशी ली गई।
बैग में नाइसिल पउडर के डिब्बे को हिलाया-डुलाया तो उसमें अलग से आवाज आई। शंक होने पर बंदी बिजाराम से पूछताछ की गई। बंदी ने डिब्बा उसका होने से इनकार कर दिया। अन्य बंदियेां से जब डिब्बे के बारे में पूछा गया तो डिब्बा जौधपुर जिले के विजय जाट का होने का पता चला। विजय से जेल प्रशासन ने पूछताछ की तो आनाकानी करने के बाद उसने यह नाइसिल पाउडर का डिब्बा अपना होना कबूल किया। जेल प्रशासन ने डिब्बा खोला तो उसमें तीन गांजे की पूडिया मिली। जिसका वजन करवाने पर 25 ग्राम पाया गया। इसे लेकर जेल प्रबंधन ने मादक पदार्थ व एफआईआर विजय जाट और बिजाराम के खिलाफ कोतवाली थाने भिजवाई। पुलिस ने देानों बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। जांच कोतवाल डीपी दाधीच कर रहे हैं।