दुष्परिणाम जानते हुए भी व्यक्ति शादी करता है, कोरोना के भी यही हाल लेकिन सावधानी जरूरी
गंगापुर (हलचल)। लादूलाल पितलिया ने 2018 का चुनाव निर्दलीय लड़ा था। उसमें भाजपा हार गई थी। इसे इस तरह प्रचारित किया गया कि पितलिया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा इसलिए भाजपा हार गई। उपचुनाव से पहले पितलिया वापस भाजपा में आए तो उनकी कोई शर्त नहीं थी। वो खुद की मर्जी से भाजपा में आए। उपचुनाव में भी उन्होंने निर्दलीय परचा दाखिल किया और फिर नाम वापस लेकर भाजपा के समर्थन में प्रचार करने की घोषणा की। यह बात भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने गुरुवार को गंगापुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही। पूनिया ने कहा कि इस पूरे मामले में भाजपा ने कभी पितलिया पर दबाव नहीं बनाया और न ही उनके परिवार पर। उनके प्रतिष्ठानों पर छापे में भाजपा का कोई हाथ नहीं है लेकिन कांग्रेस ने इसे हौव्वा बना दिया क्योंकि पितलिया के नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस बौखला गई।
कोरोना गाइडलाइन का पालन न कांग्रेस करवा सकती है और न ही भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने सभाओं से कोरोना संक्रमण के खतरे के सवाल पर कहा कि जिस तरह दुष्परिणाम जानते हुए भी व्यक्ति शादी करता है। ऐसे ही हाल कोरोना के हैं। यह तो राजनीति है। यहां वोटों का सवाल है। वैसे कोरोना गाइडलाइन की पालना न तो कांग्रेस करवा सकती है और न ही भाजपा। हां, इतना जरूर है कि हमें सतर्क रहना होगा।