भीलवाड़ा/जयपुर। सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा से बागी होकर चुनाव मैदान में कूदे लादूलाल पितलिया इतना प्रताड़ित किया कि उन्हें अपना नाम वापस दना पड़ा है। नामांकन वापस लेने के बाद अब सियासत तेज हो गई है। पितलिया के कथित पत्र के वायरल होने के बाद बयानबाजी का दौर जारी है।
इस मामले को लेकर परिवहन भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आज आरोप लगाया कि भाजपा उपचुनाव में गुंडागर्दी कर रही है और चुनाव जीतने के लिए सारे गलत हथकंडे अपना रही है।
खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लादूलाल पितलिया का कथित पत्र और उनके बेटे का ऑडियो वायरल होने के बाद स्पष्ट है कि भाजपा ने उन्हें डरा धमका कर नामांकन वापस कराया है। बेंगलुरु में उनके प्रतिष्ठान खोलने नहीं दिए गए और उनके परिवार को भी धमकाया और डराया गया है।
खाचरियावास ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है, लोकतंत्र में चुनाव लड़ने की आजादी सभी को है लेकिन जिस तरह से एक चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को डरा धमका कर उसका नामांकन वापस करवाया गया है यह सही नहीं है। इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।
खाचरियावास ने कहा किस देश में जो भी लोग भाजपा या केंद्र सरकार की आलोचना करते हैं उन लोगों पर ईडी, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों के छापे पड़वाए जाए जाते हैं। केंद्र और भाजपा की सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करती है इस तरह का रवैया लोकतंत्र में उचित नहीं है ।
परिवहन मंत्री ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा में दम है तो वे उपचुनाव में केंद्र के कृषि कानूनों की खूबियां गिनाएं। केंद्र की मोदी सरकार ने जो काम किए हैं उनके आधार पर जनता में वोट मांगे न की किसी को डरा धमका कर उसका नामांकन वापस कराए।
भीलवाड़ा हलचल ने इस संबंध में 2 दिन पहले ही कहा था कि लादू लाल के नाम वापस लेने के बाद जयपुर में राजनीतिक उबाल आया है और अब यह खुलकर देखने को मिल रहा है जयपुर के साथ ही भीलवाड़ा और खासकर सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में इस मामले को लेकर लोगों में खासी चर्चा है और अब विरोध प्रदर्शन भी शुरू होने लगे हैं उपचुनाव में पितलिया का मामला क्या गुल खिलाता है यह मतगणना के बाद ही पता लग पाएगा।