रायपुर (किशन खटीक) संतो के सानिध्य के बिना भवसागर से बेड़ा पार नहीं हो सकता अतः हर समय संतों का सानिध्य करें। उक्त विचार संत अनुज दास महाराज ने ठाठोदिया परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन कस्बे के समता भवन चौक में सैकड़ो महिला पुरुष भक्तों के समक्ष व्यास पीठ से व्यक्त किये। संत अनुज दास ने शिव पार्वती विवाह पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज का विवाह असली विवाह नहीं रहा। इसमे दहेज प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, बफर डिनर करके भारतीय संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है। हमें राजा दशरथ के पुत्रों की विवाह परंपरा से सीख लेनी चाहिए। कथा के दौरान शिव पार्वती के विवाह की एवं भूत प्रेत डाकिनी साकिनी के बारातियो की आकर्षक व सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई । कथा के प्रारंभ से लेकर अंत तक सैकड़ो महिला पुरुषों भक्ति संगीत में डूबे रहे। कथा के दौरान 1008 संत चेतनदास मुंगाना, संत मदन मोहन दास, आयोजक शांतिलाल सुथार, भगवती लाल सुथार, मुरलीधर सुथार, किशन लाल सुथार, राधेश्याम सुथार, रमेशचंद्र वैष्णव, जानकीलाल त्रिपाठी, रामेश्वरलाल दाधीच, रामलाल सुथार सहित सैकड़ो महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे। रविवार को 12:00 बजे से 4:00 बजे तक ठाकुर जी के प्राकट्य की मनोरम झांकी के साथ कथा प्रस्तुत की जाएगी। कथा के अंत में महा आरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया।