उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा की शबनम का नाम आज पुरे देश ने जान लिया है. प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता समेत सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम को फांसी की सजा (Death Sentence) सुनायी गयी है. वहीं फांसी की साजा सुनाये जाने के बाद जान बख्श देने की गुहार लगाते हुए दुबारा दया याचिका दायर की है. शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति से फांसी की सजा माफ करने की अपील की है. वहीं अब अयोध्या के परमहंस दास चाहते हैं कि शबनम की फांसी पर बयान दिया है.
अयोध्या के परमहंस दास ने शनिवार को कहा है कि शबनम की फांसी की सजा (Death Sentence) टाल दी जाए उसे माफ कर दिया जाए. खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा है कि संत परमहंस दास ने अपील की है कि शबनम को महिला होने के चलते माफी दी जाए. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी महिला को फंसी होने जा रही है. परमहंस दास ने आगे कहा कि महिला की जगह वेदों और पुराणों में भी पुरुषों से हजार गुना ज्यादा है. उनका कहना है कि हिंदू धर्माचार्य होने के नाते वह राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि शबनम की दया याचिका स्वीकार की जाए.शबनम ने साल 2008 में अपने ही परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. बता दें कि शबनम बिन ब्याहे गर्भवती थी. घरवाले नाराज थे तो उसने मां-बाप, समेत परिवार के सात लोगों का कत्ल कर दिया था. परिवार के सात लोगों (Seven People) की कुल्हाड़ी से हत्या करने वाली शबनम (Shabnam) को जल्द ही फांसी की सजा दी जानी है. उसे मथुरा की जेल (Jail) में फांसी होनी है, जिसके लिए वहां तैयारी चल रही हैं. सुप्रीम कोर्ट से पुर्नविचार याचिका के साथ ही राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका को भी खारिज कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने अभी शबनम के डेथ वारंट जारी नहीं किए हैं.