शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा का श्री प्रताप सिंह बाहरठ राजकीय महाविद्यालय का भवन पिछले काफी समय से जर्जर अवस्था में पड़ा है। महाविद्यालय के बरामदे के छज्जे गिरने की स्थिति में है। छात्रों का जीवन टूटे हुए भवन के भरोसे है। कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका है, बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा इसी भवन के नीचे बैठे रहते है। काॅलेज विद्यार्थियों का सरकार से बड़ा सवाल है कि आखिर इस भवन का जीर्णोद्वार कब होगा। काॅलेज भवन के जीर्णोद्वार की मांग को लेकर छात्र संगठनों की ओर से भी कई मर्तबा सरकार को व काॅलेज प्रशासन को लिखा गया है पर कोई सुनवायी न होने से विद्यार्थियों को हर समय दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। कई विद्यार्थी तो जीर्ण शीर्ण भवन को देखकर काॅलेज ही नहीं आ रहे है।
छात्र नेता जयंत जीनगर ने बताया कि विभिन्न छात्र नेताओं की ओर से समय समय पर इस मामले को प्रकाश में लाने के उपरांत भी काॅलेज प्रशासन की ओर से कोई सुनवायी नहीं होने के कारण विद्यार्थियों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि जीर्ण शीर्ण भवन के कारण कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
छात्र नेता जयंत जीनगर ने बताया कि छात्रों द्वारा कही बार अवगत कर वाने के बाद भी महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए वर्तमान में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सिर्फ छात्र ही नहीं व्याख्याता भी स्वयं पानी की बाॅटल साथ लेकर आते है।
यही नहीं जहा शाहपुरा का वाॅलीबाल खेल में राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर तक नाम है वहीं प्रताप सिंह महाविद्यालय में शारीरिक शिक्षक एवं खेल सामग्री का अभाव है। शिक्षा के साथ साथ खेल का होना भी जरूरी है।
छात्र नेता जयंत जीनगर ने बताया कि हमने महाविद्यालय प्रशासन को भवन के लिए बार बार ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया है, परंतु अभी तक किसी भी प्रकार का जवाब नहीं आया है। गौरतलब है कि पिछले 4 वर्षों से प्राचार्य भी नहीं है कार्यवाहक प्राचार्य के हाथ में संपूर्ण शक्तियों का अभाव है। बढ़ती धूप में तेज गर्मी को देखते हुए पानी का जहा अतिआवश्यकता होती है वहा महाविद्यालय में वाटर कूलर तक नहीं है। जिले का एमएलवी के बाद सबसे बड़ा महाविद्यालय शाहपुरा में है।