राजसमन्द( राव दिलीप सिंह )रमजान माह में बड़ो के साथ छोटी उम्र के बच्चों में भी रोजे रखने का उत्साह देखा जा रहा है। चिलचिलाती धूप व तेज गर्मी के बाद भी बच्चे रोजे रखने में पीछे नहीं रह रहे हैं। कांकरोली निवासी अय्यूब खान पठान के छह वर्षीय पोते अरशल रजा ने गुरुवार को अपने जीवन का पहला रोजा रखा ओर खुदा की ईबादत कर कोरोना जैसी बीमारी से निजात की दुआएं मांगी।
बांड्यावाला, कांकरोली निवासी वशीम खान एवं शबाना बानु के छह वर्षीय पुत्र अरशल रजा (अर्शी) ने गुरुवार को पहला रोजा रखा। अरशल रजा के पहला रोजा रखने से परिवार के लोगों में खुशी है। दादा अय्यूब खान और दादी शहनाज बानु ने बताया कि अरशल तड़के घर के बड़ो के साथ ही उठ गया ओर उनके साथ सेहरी खाकर रोजा रखा ओर शाम को चौदह घण्टे से अधिक समय बाद अपने परिजनों के साथ खुशी-खुशी रोजा इफ्तार किया। अरशल ने अपने जीवन का पहला रोजा रखा और नमाज पढ़कर अल्लाह की ईबादत की। परिजनों ने शाम को उसके पसंद के व्यंजन बनाकर दस्तरख्वान सजाया और उसे गुलाब के फूलों की माला पहनाई एवं उसके ऐसी गर्मी में भी रोजा रखने की हिम्मत की हौंसला अफजाई की।