नवरात्र का समापन कन्या पूजन के साथ होता है. कई लोग नवमी को कन्या पूजन करते तो कई लोग अष्टमी को. अगर कन्या पूजन जा रहे हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें. जैसे कन्या पूजन कैसे होना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और उसके बाद ही कन्या पूजन के लिए खाना बनाएं।
- कन्या पूजन में पूरी, काले चने और हलवा का भोग लगाया जाता है, खाने में प्याज और लहसुन गलती से ना डालें।
- जो भोग आपके बनाया है, उसका भोग कन्या पूजन से पहले मां दुर्गा को जरूर लगाएं।
- नौ कन्याओं के साथ एक बालक को भी लांगुरा के रूप में जरूर बैठाए।
- कन्याओं को अच्छे से खाना खिलाकर उनका टीका करके दक्षिणा देनी चाहिए।
यहां देखें कन्या पूजन का मुहूर्त
अष्टमी कन्या पूजा : 13 अक्टूबर दिन बुधवार को पूजा के मुहूर्त : अमृत काल- 03:23 AM से 04:56 AM तक और ब्रह्म मुहूर्त– 04:48 AM से 05:36 AM तक है।
कन्या पूजन नवमी का मुहूर्त
नवमी कन्या पूजा : 14 अक्टूबर दिन गुरुवार सुबह 06 बजकर 52 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी। जिसके बाद नवमी तिथि में कन्या पूजन और हवन किया जा सकेगा।