पता चला कि पिछले दिनों सलमान भाई को सांप ने काट लिया। लेकिन कहीं कोई चर्चा ही नहीं हुयी। पहले कहते थे कि खबर यह नहीं बनती कि कुत्ते ने आदमी को काट लिया, खबर तब बनती है जब आदमी कुत्ते को काट ले। सलमान भाई को काटने वाला सांप शायद इस फंडे से अनजान था। इसीलिए उसकी कोई खबर नहीं बनी। वैसे भी वह कोई आस्तीन का सांप नहीं था। अगर होता तो एक संभावना खबर बनने की हो सकती थी। पता नहीं सलमान भाई उसे दूध भी पिला रहे थे या नहीं। अगर पिला रहे होते तो जरूर खबर बनती। पता नहीं उसे मारा गया या छोड़ा गया। मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए का ऑप्शन पहले इंसानों को तो मिलता था। अब उनको भी नहीं मिलता। सांप तो सांप था, वह कोई हिरन तो था नहीं कि उसे मार कर सलमान भाई चर्चित हो जाते। वैसे हिरन प्रकरण के बाद से वे वन्य जीवों की जान के महत्व को समझ गए होंगे, इसलिए काटने के बाद भी सांप को जाने ही दिया होगा। जब काटने के बाद कुत्ते और बंदर सलामत रहते हैं, तो वह तो फिर सांप था। बंदे सलामत रहें न रहें। संरक्षण वन जीवों का होता है, इंसानों का नहीं।
अच्छी बात यही है कि सलमान भाई भी सलामत हैं। वैसे भी विषधर के विष को आजकल पूछ कौन रहा है। उनसे ज्यादा विषवमन तो इधर इंसान कर रहे हैं। ट्रोल आर्मी को भुगता है कभी, कितना विष वमन करती है। इधर तो साधु-संत तक धर्म संसदों में यही कर रहे हैं। पहले वे ज्ञान की बारिश करते थे। अब इतना अज्ञान बरसता है, कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का अज्ञान भी शरमा जाए। कभी साधु-संत संयम की बातें किया करते थे। अब संयम की बात करने वाले को वे दुत्कारते हैं। अब नेता होते तो यह माना जा सकता है कि वे विषवमन करते हैं। इधर वे कुछ ज्यादा ही करने लगे हैं। पता चला कि चुनाव आ रहे हैं। चुनाव में वोट दो तरह की बात करके ही हासिल किए जा सकते हैं-या तो विकास की बात करो या विषवमन करो। विकास की बात करो तो आजकल लोग हंसते हैं। कहने लगते हैं कि पिछले चुनाव में आप यही कह रहे थे, बल्कि उससे पिछले चुनाव में भी यही कह रहे थे। इसलिए अब विषवमन ज्यादा आसान रास्ता है। हर्र लगे न फिटकरी और रंग भी चोखा आए। और क्या चाहिए? पहले नेता, अपने विरोधी नेता के ऊपर कीचड़ उछाल कर संतुष्ट हो लेता था कि चलो मेरा काम हो गया। लेकिन अब विषवमन के बिना बात नहीं बनती। बल्कि अब तो किशोरों तक में इतना विष भरा है कि वे सुल्ली डील और बुल्ली बाई एप तक डेवलेप कर डालते हैं और औरतों की नीलामी करने लगते हैं। ऐसे में सांप के विष को कौन पूछ रहा है। यहां तो सभी विषधारी बने हुए हैं।