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बिना प्रेम के परमात्मा का प्राकट्य नहीं होता- संत केदार महाराज

बिना प्रेम के परमात्मा का प्राकट्य नहीं होता- संत केदार महाराज

सि‍ंगोली । बिना प्रेम के परमात्मा का प्राकट्य नहीं होता जहां पर आनंद व प्रेम की अनुभूति होती है परमात्मा भी वही जाते है घर में अगर आप लड्डू गोपाल तो ले आए पर परिवार में आपसी स्नेह  एवं प्रेम नहीं होगा तो भगवान नहीं आएंगे उक्त विषय के उद्गार गोरेश्वर महादेव रतनगढ़ में चल रही रामकथा के चौथे दिन अपने प्रवचनों के दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक संत केदार महाराज भीलवाड़ा के द्वारा उपस्थित श्रद्धालु भक्तों के बीच व्यक्त किए। इस अवसर पर संत ने गुरु गोविंद दोनों की महिमा बताते हुए कहा कि हमारे जीवन में सद्गुरु का होना अति आवश्यक है क्योंकि गुरु के द्वारा ही हमें परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग दिखाया जाता है एक प्रसंग के दौरान संत ने उपस्थित श्रद्धालु महिलाओं से कहा कि पति एवं परमात्मा से कभी लड़ना नहीं चाहिए वरना नरक में भी स्थान नहीं मिलता साथ ही बताया कि बच्चों का नाम हमेशा भगवान के नाम पर रखना चाहिए इस दौरान उन्होंने गुरु वशिष्ठ और राजा दशरथ के चारों बच्चों के नामकरण का प्रसंग सुनाया सनातन धर्म की महिमा बताते हुए संत श्री ने कहा कि प्रथम संतान चाहे बालक हो या बालिका मुंडन अवश्य रखना चाहिए। सनातन धर्म व श्रृष्ठी की रक्षा के लिए ही साधु संतों द्वारा कथा की जाती है। इसलिए समय निकालकर कथा श्रवण का पुण्य अवश्य प्राप्त करना चाहिए। संत श्री ने साधु संतों की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि जिस घर में साधु संतों का आगमन होता है वह घर तीरथ धाम बन जाता है,और वहां पर किसी ना किसी रूप में एक दिन परमात्मा का आगमन भी तय होता है। संत श्री ने दास की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि तन मन वचन कर्म और बुद्धि से जो ईश्वर के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पित कर दे वही सच्चा दास है। संत ने आगे बताया कि अगर जीते जी माता पिता की सच्ची लगन से सेवा कर लोगे तो उनके मरने के बाद श्राद्ध करने एवं धूप देने की भी आवश्यकता भी नहीं होती है।

*राम जी की बाल लीलाओं एवं नाम की व्याख्या की*-  कथा के दौरान राम की महिमा का गुणगान करते हुए राम नाम की व्याख्या की। उनकी बाल लीलाओं व अजामिल का सुंदर वृतांत, मारीच, सुबाहु वध, ताड़का संहार, गौतम ऋषि एवं अहिल्या व शिव धनुष तोड़ने के बाद क्रोधित परशुराम के गुस्से को शांत करने के रोचक वृतांत को सुनाया।

*हुआ राम जानकी विवाह*-श्री राम जानकी विवाहोत्सव के प्रसंग के अवसर पर श्रद्धालु महिला पुरुषों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। प्रभु श्री राम एवं सीता के विवाह के सजीव चित्रण का सुमधुर भजनों पर नृत्य कर भरपूर आनंद लिया। एवं प्रभु श्री राम एवं सीता जी की चरण वंदना कर आशीर्वाद लेकर वधू पक्ष की तरफ से कन्यादान भी किया भी किया।

*संत ने किया अतिथियों का स्वागत*- वरिष्ठ समाजसेवी भागचंद मूंदड़ा,लालाजी मंडोवरा, जनपद सदस्य कन्हैयालाल चारण,भाजपा नगर अध्यक्ष कचरूमल गुर्जर,वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोहर लढा, युवा समाजसेवी प्रकाश लढा, पूर्व सांसद प्रतिनिधि शिवनंदन छिपा,गौतम बैरागी, राजेंद्र कुमार व्यास, गिरीश सोनी जाट, हेमराज चौधरी, संदीप जाट,कृष्णा धाकड़, बहादुर सिंह खेड़ली, गौरी शंकर शर्मा आदि अतिथियों का संत ने कुमकुम तिलक एवं रामनामी दुपट्टा पहना कर स्वागत किया। सभी अतिथियों ने संत श्री से आशीर्वाद लिया।