ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में जब कोई ग्रह कमजोर स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को कोई न कोई रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे जातक किसी धातु से बनी अंगूठी में धारण करता है। ज्योतिष शास्त्र में रत्नों के अलावा कुछ अन्य तरह की अंगूठियां पहनने की भी सलाह दी जाती है। अगर व्यक्ति आप भाग्य चमकाने के साथ हर क्षेत्र में सफलता पाना चाहता हैं, तो इन 5 तरह की अंगूठियों में से कोई एक धारण कर सकता है।
भाग्योदय कर देंगी ये अंगूठियां
सूर्य के आकार की अंगूठी
समाज में मान-सम्मान पाने, पद-प्रतिष्ठा और नौकरी-बिजनेस में तरक्की पाने के लिए सूर्य के आकार की बनी हुई अंगूठी पहनना लाभकारी होगा। इस अंगूठी को पहनने से सूर्य ग्रह मजबूत होता है।
अष्टधातु से बनी अंगूठी
अष्टधातु से बनी अंगूठी काफी शुभ मानी जाती है। इसे धारण करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। नौकरी-बिजनेस में तरक्की के साथ स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसके साथ ही दिमाग शांत रहता है, जिससे नए-नए विचार आते रहते हैं। अष्टधातु से बनी अंगूठी नवग्रहों को बैलेंस करके भाग्योदय करती है। इस धातु का स्वामी चंद्रमा है। यह अंगूठी कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए सबसे श्रेष्ठ है। इस अंगूठी को मध्यमा अंगुली में पहनना शुभ होगा।

कछुए वाली अंगूठी
कछुए को धन का प्रतीक माना जाता है। वास्तु और फेंगशुई में भी इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। माता लक्ष्मी से संबंधित कछुए वाली अंगूठी पहनने से व्यक्ति के भाग्य पर अच्छा असर पड़ता है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसे धारण करने से मन शांत और सौम्य रहता है। कछुए की अंगूठी को मध्यमा या फिर तर्जनी अंगुली में धारण करना लाभकारी होगा।
घोड़े के नाल की अंगूठी
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि दोष, शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही हैं तो घोड़े की नाल से बनी अंगूठी पहनना शुभ साबित होगा। इस अंगूठी को जातक दाएं हाथ के मध्यमा अंगुली में धारण करें।
सर्प अंगूठी
सर्प आकार की ये अंगूठी व्यक्ति की कुंडली से कालसर्प, पितृदोष के साथ ग्रहण दोष से छुटकारा दिलाती है। इस अंगूठी को धारण करने से व्यक्ति को सुख-शांति के साथ किस्मत पर शुभ असर पड़ता है। इस अंगूठी को चांदी या फिर अष्टधातु से बनाकर ही पहनना चाहिए।
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