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जिनको करनी ना वह करने लग जाए हां तो होता दुःखद भविष्य तैयार- समकितमुनि

जिनको करनी ना वह करने लग जाए हां तो होता दुःखद भविष्य तैयार- समकितमुनि

भीलवाड़ा। बच्चों के अकरणीय की तरफ कदम बढ़ने लगे तो उसे रोकने या मना करने की शक्ति भी बड़ो के पास होनी चाहिए। रात 12-1 बजे तक घर आना अकरणीय है जिसे रोकने की ताकत पास में होने पर परेशानी आना रूक जाती है। वर्तमान परिवेश में बच्चें हो या बड़े किसी को रोकटोक पसंद नहीं है। हर कोई अपने हिसाब से जीना, खाना व पहनना चाहता है। ये विचार श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शनिवार को शांतिभवन में चल रहे चातुर्मास के तहत बड़ी होती बेटियों एवं उनके अभिभावकों के मार्गदर्शन के रूप में तीन दिवसीय विशेष प्रवचन श्रृंखला ‘पिंकी का क्या होगा’ के दूसरे दिन व्यक्त किए। उन्होंने इसके माध्यम से बच्चों के प्रति माता-पिता के दायित्वों एवं बदलते सामाजिक व पारिवारिक परिवेश पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस प्रवचन माला के माध्यम से उन तीन शब्दों के बारे में चर्चा हो रही जिन्हें जानने की नहीं जीने की जरूरत है। इसके तहत पहला शब्द ‘सारई’ यानि याद दिलाने पर चर्चा हो चुकी एवं दूसरा शब्द है वारई यानि निषेध करना या रोकना। खेलों की तरह जिंदगी के मैच में भी एक लाइन तय करना जरूरी है जिससे बाहर जाने पर नुकसान होना तय होता है। सूर्य, चन्द्रमा, तारे सभी एक नियम के अंदर गति करते है। समुद्र का पानी अपनी लाइन छोड़ दे तो क्या होगा इसकी कल्पना करें। मुनिश्री ने कहा कि जब पशु भी नियमों से बंधे रह सकते है तो इंसान को ऐसा करना ही चाहिए लेकिन स्वयं पर नियंत्रण नहीं होने से मर्यादाओं की लाइन लगातार उल्लंघन की जाती है। खानपान,वेशभूषा, पहनावा सबमें मर्यादा की लाइन से पूरी तरह बाहर निकल चुके है। पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि ना करने की ताकत खत्म सी हो गई है। जिनको ना करनी वह हां करने में लगे है इससे दुखद भविष्य तैयार होता है। उन्होंने एक काल्पनिक परिवार की पात्र पिंकी की कथा सुनाते हुए कहा कि कॉलेज-स्कूल जाना जायज है लेकिन वहां जाकर गुलछर्रे उड़ाना नाजायज है। वहां जाकर जो भटक जाते है उनको जिंदगी में झटके पर झटके लगते है। 

भूलकर भी मत करना भरोसा करने वाले से धोखा

पूज्य समकितमुनिजी ने कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि इस जिंदगी में कोई भरोसे के लिए रोया तो कोई भरोसा करके रोया। किसी पिता पर क्या बीतेगी जब पता चले कि वह जिस बेटी पर सर्वाधिक भरोसा करता है वही उसके साथ धोखा कर रही है। जो भरोसा तोड़ता है उसकी जिंदगी क्लीन बोल्ड होती है। मुनिश्री ने कहा कि जो तुम पर भरोसा करते उनके साथ भूलकर भी धोखा या चीटिंग मत करो। जिस घर के अंदर ऐसी घटना घटती उसका माहौल कैसा होता होगा।  उन्होंने कहा कि भारत वो देश है जहां माता-पिता की खुशी के लिए संताने सब कुछ करने को तैयार रहती थी लेकिन अब एडवांस व आधुनिक बनने के नाम पर पता नहीं नई पीढ़ी को क्या हो गया है। ऐसा एडवांस होना किस काम का जो परिवार की इज्जत व गरिमा को तार-तार कर दे। 

बेटियों को फंसने से बचाने के लिए माता-पिता रहे जागरूक

मुनिश्री ने युवा होती बेटियों को फंसाने के लिए होने वाले षड़यंत्रों से आगाह करते हुए कहा कि जो मछली कांटे पर लगा आटा देख लेती है वह कभी उसमें नहीं फंसती है। एक बार जो बेटियां इस तरह के जाल में फंस गई उनका निकलना बहुत मुश्किल है। गलत परम्पराएं एवं गलत ट्रेण्ड खतरनाक हो जाते है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस तरह बेटियों को फंसाने के लिए बाकायदा सोच समझ कर रणनीति के तहत माहौल बन रहा है। स्वयं की जागरूकता व सुसंस्कार ही बचा सकते है। इसलिए माता-पिता की बड़ी जिम्मेदारी व जवाबदेही हो जाती है। वर्तमान में सुविधा एवं साधन के साथ परेशानियां भी बढ़ गई है। शुरू में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने प्रेरणादायी गीत प्रस्तुत किया। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य मिला। 

तपसाधना की लगी होड़, सुश्रावक धूपिया का सम्मान

चातुर्मास में तप साधना की भी होड़ सी लगी हुई है। धर्मसभा में शनिवार को पूज्य समकितमुनिजी म.सा. से सुश्राविका सुनिता सकलेचा ने 22 उपवास एवं सुश्राविका साधना सेठ ने 12 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। सुश्रावक अमरसिंह धूपिया के 11 उपवास की तपसाधना पूर्ण करने पर श्रीसंघ की ओर से तपस्या की बोली बोलने वालों और परिजनों ने सम्मान किया। उनका शांतिभवन श्रीसंघ की ओर से चातुर्मास संयोजक नवरतनमल बंब, सह मंत्री प्रकाश पीपाड़ा एवं श्रीमहावीर युवक मंडल सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रमोद सिंघवी ने सम्मान किया। तपस्या करने वालों की अनुमोदना के जयकारों से प्रवचन स्थल गूंज उठा। धर्मसभा का संचालन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया।

विशेष प्रवचन बदलते रिश्ते बदलता रक्षाबंधन 13 को

चातुर्मासिक आयोजन के तहत 7 अगस्त रविवार को दोपहर 1.30 से 3 बजे तक शांति भवन में प्रश्नमंच का आयोजन होगा।  रक्षाबंधन पर 11 अगस्त को ‘‘बदलते रिश्ते बदलता रक्षाबंधन’’ विषय पर विशेष प्रवचन के साथ सुबह 9 से 9.30 बजे तक भाई-बहन का जोड़े से जाप होगा। श्रीशांति जैन महिला मंडल के तत्वावधान में शांतिभवन में पूज्य समकितमुनिजी के सानिध्य में शांतिभवन में 13 से 15 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 2.30 से 4.30 बजे तक बच्चों के लिए बाल भास्कर शिविर का आयोजन होगा। इसमें 8 से 15 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। इसी तरह 14 अगस्त को दादा-पोता और दादी-पोती के संबंधों पर विशेष प्रवचन होंगा। स्वाधीनता दिवस पर शहीदों को नमन करते हुए विशेष प्रेरक प्रवचन ‘लगे रहे मुन्नाभाई’ का आयोजन होगा।