प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें कृषि प्रधान देश हे जाने के बावजूद आज भी हम 65 हजार करोड़ का खाद्य तेल बाहर से आयात करते हैं। इसे हम बंद कर सकते हैं और यह पैसा हमारे किसानों के खातों में जा सकता है। इन पैसों का हकदार देश का किसान है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह से बनानी होंगी। पिछले दिनों हमने दालों में सफल प्रयोग किया। अब दालों को बाहर से लाने का खर्चा काफी कम हुआ है। कई ऐसे उत्पाद हैं, जिन्हें हमारे किसान न सिर्फ देश के लिए पैदा कर सकते हैं, बल्कि दुनिया को भी आपूर्ति कर सकते हैं। किसानों को सही दिशा देकर इसे हासिल किया जा सकता है। पीएम ने शनिवार को नीति आयोग की छठी प्रशासनिक परिषद बैठक में कहा, आर्थिक प्रगति के लिए सरकारों को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उन्हें समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा। निजी क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर के लिए पीएलआई योजना शुरू की है। ये देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है, राज्यों को इस योजना के जरिये अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित करना चाहिए। कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए। पीएम ने कहा, बीते कुछ वर्षों में हमने देखा है कि कई सरकारी योजनाओं से गरीबों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव नजर आ रहा है। देश में अभी हर गरीब को पक्की छत देने का अभियान तेजी से चल रहा है। कुछ राज्य बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, जबकि कुछ को अपनी गति बढ़ाने की आवश्यकता है। 2014 के बाद गांवों व शहरों में मिलाकर 2 करोड़ 40 लाख से ज्यादा घर बनाए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन के शुरू होने के 18 महीने के भीतर 3.5 लाख से अधिक ग्रामीण घरों में पाइप से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। गांवों में इंटरनेट सुविधा के लिए भारत नेट योजना एक बड़े बदलाव का माध्यम बन रही हैं। जब केंद्र और राज्य सरकारें ऐसी सभी योजनाओं में एक साथ काम करेंगी तो लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। मोदी ने कहा, कृषि उत्पादों की बर्बादी कम करने के लिए भंडारण व प्रसंस्करण पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। मुनाफा बढ़ाने के लिए कच्चे खाद्य पदार्थों की जगह प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का निर्यात किया जाना चाहिए। सुधार बहुत जरूरी है ताकि हमारे किसानों को आवश्यक आर्थिक संसाधन, बेहतर अवसंरचना और आधुनिक तकनीक प्राप्त करने में सुविधा हो। पीएम ने कहा, देश की प्रगति का आधार सहकारी संघवाद है और आज की बैठक इसे और सार्थक बनाने और प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की ओर बढ़ने पर चर्चा करने के लिए है। हमें सहकारी संघवाद तो राज्यों तक ही नहीं, बल्कि जिलों तक ले जाना है ताकि विकास की स्पर्धा निरंतर चलती रहे। कोरोना महामारी के दौरान जब राज्यों और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया तो पूरे देश को सफलता मिली। दुनिया में भारत की अच्छी छवि बनी है।