भीलवाड़ा (हलचल)। कृषि महाविद्यालय, भीलवाड़ा, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के अधिष्ठाता डॉ. किशन जीनगर ने अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आह्वान किया कि कृषि शिक्षा के क्षेत्र में कृषि व्यवसाय की अपार सम्भावनाएं हैं एवं कृषि शिक्षा में उच्च शिक्षा प्राप्त कर युवा आत्मनिर्भर बनें एवं सरकारी नौकरी के पीछे न भागकर अपना स्वयं का कृषि से जुड़ा व्यवसाय कर ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दें। डॉ. जीनगर ने बताया कि १२ जनवरी, १८६३ में जन्मे स्वामी विवेकानन्द की जन्म तिथि को सम्पूर्ण भारत के युवा राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मना रहे हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय में युवाओं के खेल कौशल को निहारने के लिए सभी तरह खेल ग्राउण्ड व अन्तराष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक ट्रेक का निर्माण किया गया है तथा आज छात्रों के बीच कबड्डी के मैच का आयोजन किया गया तथा विजेता टीम को बधाई दी गई ।
महाविद्यालय के केन्द्र स्थान पर राष्ट्रीय युवा दिवस पर कृषि क्षैत्र में कौशल विकास एवं कृषि व्यवसाय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया इस अवसर पर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रामावतार ने युवाओं से चर्चा करते हुए बताया कि कृषि क्षेत्र में कौशल प्राप्त कर व्यवसाय कर सकते है उन्होने बताया कि बीज उत्पादन , नर्सरी प्रबन्धन, जैविक खेती, पॉली हाउस, पोल्ट्री, डेयरी, बकरी पालन, मत्स्य पालन के क्षेत्र मेें व्यवसाय करने की अपार संभावनाएं है तथा जिले के कृषि महाविद्यालय में तकनीकी कौशल सीखने एवं प्रशिक्षण की सम्पूर्ण सुविधाएं विशेषज्ञो के साथ उपलब्ध है ।
सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ रविकान्त शर्मा ने युवाओं से चर्चा करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों और उनकी जीवनी का गहन अध्ययन कर अपने जीवन में उतारने का प्रयास करे उन्हाने दिखाए मार्गदर्शन को अंगीकार करने का प्रयास करें, उन्होने बताया कि आज का युवा क्या नहीं कर सकता उसको श्रम करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए एवं असफल होने पर पुन: प्रयास करने चाहिए ।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ. एल. एल. पंवार, हरनाथ सिंह कोठारी, पुसालाल शर्मा, कमल किशोर सुमन व महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।