निगम के निजीकरण का उग्र विरोध,कर्मचारियों ने रैली निकाली, किया प्रदर्शन

By :  prem kumar
Update: 2024-11-29 09:18 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। प्रदेश में सरकार की बिजली निगम का निजीकरण करने की नीति को लेकर कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया। जिले भर के निगम अधिकारियों व कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर धरना दिया। साथ ही कलेक्ट्रेट तक रैली निकालते हुये उग्र प्रदर्शन और नारेबाजी की। इस संबंध में कर्मचारियों ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, उर्जा विभाग के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर निजीकरण बंद करने की मांग की।

निगमकर्मियों का कहना था कि विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं के मॉडल के नाम पर निजीकरण किया जा रहा है। इसी के विरोध में आज राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिलेभर के सैकड़ों निगमकर्मी शुक्रवार को अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर एकत्रित हुये, जहां उन्होंने प्रदर्शन किया। इसके बाद ये कर्मचारी रैली के रूप में विभिन्न मार्गों से होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने उग्र प्रदर्शन और नारेबाजी कर निजीकरण बंद करने की मांग की।

कर्मचारियों ने कहा कि राजस्थान सरकार विद्युत प्रशासन निगम को निजीकरण में धकेलकर कर्मचारियों को घर बैठाने की तैयारी कर रही है। उनका कहना था कि पूर्व में चार कंपनियों को निजी हाथों में दे चुकी है। अगर सरकार निगम का निजीकरण करती है तो आम उपभोक्ता और किसान इसकी चपेट में आने वाले हैं। आज विद्युतगृहों में तीन रुपये में बिजली पैदा हो रही है और सात से आठ रुपयें में उपभोक्ताओं को बिजली दी जा रही है। निजी कंपनियां आने के बाद में आम उपभोक्ता और किसान को 18 से 20 रुपये प्रति यूनिट दर से बिजली दी जायेगी। कर्मचारियों ने कहा कि हम किसी हाल में निगम का निजीकरण नहीं होने देंगे। चाहे इसके लिए उन्हें जो भी कुर्बानी देनी पड़े वे, तैयार हैं।  

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