भरतमुनि का नाट्य शास्त्र के नौ रसों की जीवन्त प्रस्तुति
भीलवाड़ा -स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से जिले के सरकारी विद्यालयों में चल रहे वर्कशॉप डेमोस्ट्रेशन के अंतिम दिन आज दिनांक 23.11.2024 को विश्व प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्यागंना हिमांसी कतरगड़ा की प्रथम प्रस्तुति रा.उ.मा.वि. लेबर कोलोनी एवं द्वितीय प्रस्तुति महात्मा गांधी रा.उ.मा.वि. एवं रा.उ.मा.वि. बरड़ोद में हुई।
जानकारी देते हुए नेशनल एक्ज्युकेटिव कैलाश पालिया ने बताया कि हिमांशी कतरगड़ा ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से करते हुये चतुर्विद्या अभिनय में आंगिकंम्, वाचिकम्, आहार्यम्, सात्वीकम् में गणेश, सरस्वती, लक्ष्मी एवं शिव के स्वरूपों को जीवन्त करते हुये भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में वर्णित ’नव रसौ’ की उत्पत्ती के साथ-साथ कुचिपुड़ी नृत्य में अभिनय करते हुये मानव के चेतन व अवचेतन मन की स्थिति को रसौ के माध्यम से जीवन्त कर दिया। उसके बाद रामायण एवं महाभारत के प्रसंगों में राम रावण युद्ध, कंस वध, जटायु मोक्ष, अहिल्या मोक्ष आदि घटनाओं की प्रस्तुति ने दर्शकों को मोहित कर दिया।