दुर्गा वाहिनी बहनों द्वारा गीता जयंती व शौर्य दिवस मनाया
भीलवाड़ा(हलचल)।अंसल सुशांत सिटी भीलवाड़ा में पंचमुखी बालाजी परिसर में दुर्गा वाहिनी प्रांत छात्रा प्रमुख सीमा पारीक ने बताया की गीता जयंती हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ भगवद गीता का जन्मोत्सव है यह हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है ऐसा माना जाता है महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि मनुष्य को फल की इच्छा छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए मानवी बसिटा ने बताया मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे फल भी उसी के अनुरूप मिलता है इसलिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करते रहना चाहिए अनिशा ने बताया श्रीकृष्ण के अनुसार व्यक्ति को खुद से बेहतर कोई नहीं जान सकता, इसलिए स्वयं का आकलन करना बेहद जरूरी है सीमा ने बताया शौर्य दिवस अयोध्या में विवादस्पद ढांचे के गिरने वाले दिन छह दिसंबर की जगह अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) शौर्य दिवस प्रत्येक वर्ष गीता जयंती के दिन ही मनाया करेगी। शौर्य दिवस हिंदू समाज द्वारा 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस किया उसकी याद में मनाया जाता है वे जहां अभी श्री राम मंदिर बना हुआ है कार्यक्रम में तनिषा बसीटा, माही बैरागी, सम्राट मीणा, काव्या शर्मा, प्रतीक्षा शर्मा, जानवी, मानवी, कुंज प्रताप सिंह, लवी, हेमराज मीणा, रिश्ब, अभि, अनीश, अर्पिता, रंजना मीणा, देवांश, वीरू, लड्डू, हिमांशी, राधा सोमाणी, अलका शर्मा, रानी, शलेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।