महाराणा मेवाड़ के राजतिलक में बटुक करेंगे चतुर्वेद की ऋचाओं का गान
निम्बाहेड़ा आजादी के बाद प्रथम अवसर होगा कि दुर्गराज चित्तौड़गढ़ पर लगभग 5 शताब्दी बाद एक बार फिर एकलिंग दीवान मेवाड़ के महाराणा गद्दी पर बिराजेंगे। सोमवार को विश्वराज सिंह के राजतिलक का भव्य आयोजन फतहप्रकाश महल प्रांगण में होने जा रहा है। अपने प्रकार के अनूठे आयोजन में देश और प्रदेश के कई राजघराने शामिल होंगे। इस पावन अवसर पर श्री कल्लाजी वेद पीठ एवं शोध संस्थान और वैदिक विश्वविद्यालय के चारों वेदों में अध्ययनरत 51 बटुकों एवं आचार्यों द्वारा महाराणा के राजतिलक के दौरान चारों वेदों की ऋचाओं की प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। प्रवक्ता ने बताया कि राजवंश की ओर से आमंत्रण पर वेदपीठ के आचार्य एवं बटुकों के साथ राजतिलक में चतुर्वेद की ऋचाओं से मंगल कामना की जाएगी। इस से पूर्व वीरवर कल्लाजी और जयमल जी के स्मारक पर महाभिषेक किया जाएगा।