समान स्कूल व्यवस्था लागू करने की मांग, शिक्षामंत्री के नाम एडीएम को दिया ज्ञापन
भीलवाड़ा बीएचएन। प्राथमिक शिक्षा में निजीकरण समाप्त कर, समान शिक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा मंत्री के नाम अतिरित जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया ।
समान स्कूल व्यवस्था संघर्ष समिति ने ज्ञापन में समान स्कूल व्यवस्था की मांग की। ज्ञापन में बताया गया है कि आजादी के 77 साल बाद भी देश के बच्चों का एक बड़ा हिस्सा भाषा और गणित के सामान्य ज्ञान से वंचित है। नयी शिक्षा नीति इस संख्या को पांच करोड़ से ज्यादा बताती है। ये सारे बच्चे समाज के वंचित वर्ग से है। इसका मुख्य कारण प्राथमिक स्तर पर लागू दोहरी शिक्षा व्यवस्था है। देश में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था लागू है। संपन्न वर्ग के लिए निजी स्कूल और गरीब मजदूर वर्ग के लिए सरकारी स्कूल। इन दोनों व्यवस्थाओं में भी कई सारी श्रेणियां है। जब तक ये दो तरह की शिक्षा व्यवस्था लागू रहेंगी, वंचित वर्गों के बच्चे कभी भी अच्छी शिक्षा नहीं हासिल कर पायेंगे। प्राथमिक शिक्षा में ये असमानता न केवल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है बल्कि नैतिक और मानवीय मूल्यों के भी. ये देश के बच्चों और वंचित वर्ग के साथ अन्याय है. ये देश की प्रगति के भी खिलाफ है। समिति ने प्राथमिक शिक्षा का व्यवसायीकरण पूर्ण रूप से समाप्त कर सभी बच्चो के लिए गुणवत्ता पूर्ण एक समान शिक्षा की व्यवस्था की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में पूर्व स्थाई लोक अदालत सदस्य प्रह्लाद राय व्यास, राजस्थान प्रदेश ईट भट्टा मजदूर यूनियन के शैतान रैगर, पुखराज रावत, हेमलता अगनानी, पूर्व सदस्य बाल कल्याण समिति फारुक पठान, नवाचार संस्थान के रेड एण्ड रेस्क्यू ऑफिसर भगवत सिंह चारण, सेन्टर फॉर लेबर रिसर्च एंड एक्शन की जिला परियोजना प्रभारी पूजा मेघवाल शामिल थे।