तीन दिवसीय भजन संध्या, संत सम्मेलन, चादर विधि एवं भंडारे का हुआ आयोजन

पोटलां उपतहसील क्षेत्र के माजावास में नरसिंह द्वारा के पूर्व महंत स्वर्गीय 1008 महेश महाराज का साकेत गमन 4 अक्टूबर 2024 को हो गया था जिनकी स्मृति में अखंड रामायण पाठ, भजन संध्या, अखाड़ा प्रदर्शन, चरण पादुका स्थापना, संत सम्मेलन एवं भंडारा आयोजित हुआ | आयोजन कमेटी से जुड़े घनश्याम जाट ने बताया कि माझावास और गुमान सिंह का खेड़ा के ग्रामीणों द्वारा नरसिंहद्वारा में महेश जी महाराज की स्मृति में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया | जिसमें 27 नवंबर बुधवार को मुंगाना के किशन शर्मा सहित अन्य कलाकारों द्वारा अखंड रामायण पाठ किया गया |

28 नवंबर गुरुवार को रात्री को भजन संध्या का भव्य आयोजन हुआ जिसमें पिंटू सेन, सुखलाल सेन सहित अन्य कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई जिसमें 'गुरु देव कृपा करके मुझको अपना लेना... गुरु मेरी पुजा गुरु भगवंत.. जैसी गुरु महिमा एवं सांवरिया सेठ के भजनों सहित अन्य भजनों पर भक्तों को झूमने पर विवश कर दिया 29 नवंबर शुक्रवार को प्रातः 7:00 से संतों का अखाड़ा प्रदर्शन शुरू हुआ जो विभिन्न मार्गो से होते हुए पुनः मंदिर पहुंचा अखाड़ा प्रदर्शन में सैकड़ो लोगों की भीड़ एकत्रित हुई अखड़ा प्रदर्शन 10 बजे समाप्त हुआ इस दौरान लोगों ने संत की चरण पादुका को अपने सिर पर लेकर चले वहीं 10:15 पर चरण पादूका स्थापना की गई l 1008 मेवाड़ महामंडलेश्वर महंत चेतनदास महाराज सानिध्य में 12:15 महंताई संत सम्मेलन के रूप धर्म सभा की गई संत सम्मेलन में दूर दराज से संतों का एवं विभिन्न मंडलों के संतों का आगमन हुआ संत सम्मेलन में आतिथ्य के रूप 1008 मेवाड़ महामंडलेश्वर महंत चेतनदास जी महाराज, लोहागढ़ सीकर से चतुर्थ संप्रदाय के पीठाधीश घनश्याम दास 1008 महंत शंकरदास जी महा त्यागी, महामंडल मंडेश्वर 1008 महंत सीताराम दास त्यागी एवं महाराज शांतिनाद चौराहा आमेट अगरिया सहित 300 से अधिक संत शामिल हुए सभी संतो के सानिध्य में दिवंगत संत की जगह दसानू दास प्रेम दास महत्यागी को उतराधिकारी के रूप में नरसिंह द्वारा की चादर ओढ़ाकर महताई सौपी गई | 12 बजे महाप्रसादी भंडारे का आयोजन शुरू हुआ जिसमें आधा दर्जन गांवों के हजारों लोगों ने भाग लेकर संतों से आशीर्वाद एवं पंक्ति पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया भंडारे का आयोजन शाम तक चला शाम पश्चात नरसिंह भगवान की संध्या आरती हुई लोगों में फल फ्रूट पंचमेवा का प्रसाद वितरित किया गया संध्या आरती के साथ ही तीन दिवसीय कार्यक्रम की पूर्णाहुति हुई

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