किसानों की सेवा ही देश की सेवा-डॉ. कर्नाटक

भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र शाहपुरा द्वारा आसीन्द पंचायत समिति के गाँव बराणा में कृषक वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया। संवाद के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने किसानों की महत्ता पर जोर देते हुए आह्वान किया कि गर्व से कहे मै किसान हूँ। अतः किसानों को सम्मान देना आवश्यक तथा किसानों की सेवा ही देश की सेवा।
डॉ. कर्नाटक ने विश्वविद्यालय की नवीनतम तकनीकीयों के माध्यम से खेती की लागत कम करने, उन्नत पशुपालन, अजोला, वर्मीकम्पोस्ट तथा प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की तथा बताया कि कृषक वैज्ञानिक संवाद के माध्यम से मक्का की उन्नत प्रजाति, बीज उपचार, एवं मक्का के विभिन्न आयाम, कृषक उत्पादक संगठन एवं मूल्य संवर्धन के माध्यम से किसानों का उत्थान किया जावे। डॉ. कर्नाटक ने मक्का को आने वाले समय की सबसे महंगी फसल बताते हुए मक्का से पॉपकॉर्न, बेबी कॉर्न, जर्म ऑयल, स्टार्च एवं ईथेनॉल बनाने की प्रक्रिया से अवगत करवाया साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की नई किस्म प्रताप संकर मक्का 6 की विशेषताएँ बताई।
डॉ. कर्नाटक ने बताया कि किस प्रकार चावण्डेरी के आर्मी फार्मर ने 5 हैक्टर जमीन में पपीता उत्पादन से 50 लाख रूपये की आमदनी की तथा विश्वविद्यालय द्वारा पंजीकृत बकरी की नस्ल करौली, गूजरी एवं सोजत की विशेषताएँ एवं मुर्गीपालन द्वारा आजीविका सुरक्षित करने का सुझाव दिया एवं नाबार्ड की योजनाओं को किसानों तक पहुँचाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए डॉ. कर्नाटक ने खेती में गौ-माता का महत्त्व, बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र एवं दशपर्णी की कृषि में उपयोगिता के बारे में बताया। विशिष्ट अतिथि आसीन्द विधानसभा क्षेत्र के विधायक झब्बर सिंह सांँखला ने सरकार की योजनाओं को ध्रातल पर उतारने एवं किसानों को खेती-बाड़ी की उन्नत तकनीकीयाँ अपनाने की आवश्यकता जताई ताकि सभी क्षेत्रवासी कृषि की उन्नत तकनीकी अपना सके।
विशिष्ट अतिथि प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. एल. सोनी ने समन्वित कृषि प्रणाली एवं संरक्षित खेती की तकनीकी जानकारी दी साथ ही मातृवृक्ष बगीचे लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया। प्रबन्ध कार्यकारिणी मण्ड़ल, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के सदस्य विष्णु कुमार पारीक ने विश्वविद्यालय एवं सरकार की योजनाओं को अपनाने तथा पॉलीहाऊस एवं शेडनेट हाऊस के बारे में किसानों का उत्साहवर्धन किया। कृषि विज्ञान केन्द्र शाहपुरा एवं भीलवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बकरियों की प्रमुख नस्लें, भैस पालन एवं डेयरी उद्यम लगाने की तकनीकी के टिप्स दिए।
उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानियाँ ने नर्सरी, जामुन एवं सब्जी उत्पादन की तकनीकी जानकारी दी। हरियालो राजस्थान के तहत् वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति के कृषक एवं कृषक महिलाओं को अजोला बेड, वर्मीबेड एवं नेपसेक स्प्रैयर उपलब्ध करवाये गये। कार्यक्रम में नगर अध्यक्ष अनिल सिंह, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह चुण्ड़ावत, पूर्व सरपंच संगीता पारीक, कृषि विज्ञान केन्द्र की तकनीकी सहायक अनिता यादव, हेमलता मीणा, संजय कुमार, प्रगतिशील कृषक प्रतापसिंह, पंकज टांक, गोपाल जाट, छगन लाल जाट, लक्ष्मण नाथ, महिला कृषक फूमा गुर्जर, भीला बलाई सहित बराणा ग्राम पंचायत के 356 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।