तीन वर्षों से खुली नाली बनी परेशानी का सबब: स्थानीय निवासियों का जीना हुआ दूभर

भीलवाड़ा / नरेश ओझा संदीपनी स्कूल के सामने बंद गली के निवासियों को पिछले तीन सालों से एक विकट समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिस पर स्थानीय टीना ओझा ने बताया की प्रशासन का ध्यान लगातार अनदेखा रहा है। क्षेत्र में एक खुली पड़ी नाली न केवल जल निकासी में बाधा डाल रही है, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिम और गंदगी का पर्याय बन गई है।
क्षेत्र के निवासी नितेश ने बताया कि यह नाली लगभग तीन साल से खुली हुई है और इसकी मरम्मत या उचित ढक्कन लगाने के लिए बार-बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस खुली नाली से कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं। सबसे पहले, यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। रात के अंधेरे में या बारिश के दौरान इसमें गिरने का खतरा बना रहता है। दूसरा, यह गंदा पानी खुले में बह रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में भयंकर दुर्गंध फैलती है।
सबसे बड़ी चिंता स्वास्थ्य को लेकर है। रुका हुआ और खुला गंदा पानी मच्छरों के प्रजनन का केंद्र बन गया है, जिससे मलेरिया, डेंगू और अन्य जल जनित बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। निवासियों का कहना है कि शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ जाता है कि घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखनी पड़ती हैं।
पास के घर के एक निवासी ने बताया, "हमने कई बार नगर निगम को लिखित और मौखिक शिकायतें दी हैं। वे हर बार आश्वासन देते हैं, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं होता। यह खुली नाली हमारे घर के ठीक सामने है और हम इस गंदगी के बीच जीने को मजबूर हैं।"
इस मामले में, स्थानीय निवासियों ने अब एकजुट होकर प्रशासन से अपील की है कि वे इस गंभीर नागरिक समस्या को तत्काल संज्ञान में लें और युद्ध स्तर पर नाली को ढकने और उसकी उचित सफाई सुनिश्चित करने का कार्य करें, ताकि वे एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में रह सकें। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है, तो निवासियों ने विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
