भारतीय और श्रीलंकाई नौसेना की बड़ी कार्रवाई, अरब सागर में जब्त की 500 किलो ड्रग्स

भारतीय और श्रीलंकाई नौसेना की बड़ी कार्रवाई, अरब सागर में जब्त की 500 किलो ड्रग्स
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भारतीय नौसेना ने श्रीलंका की नौसेना के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए अरब सागर से 500 किलो ड्रग्स जब्त की है। जब्त की गई ड्रग्स क्रिस्टल मेथ है, जिसे दो नौकाओं से जब्त किया गया। जब्त की गईं दोनों नौकाएं, उसमें सवार लोग और ड्रग्स श्रीलंका सरकार को सौंप दिए गए हैं, जहां उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है।

गश्ती विमान और श्रीलंकाई नौसेना के ड्रोन से पकड़े गए तस्कर

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान और ड्रोन द्वारा श्रीलंकाई नौसेना से मिली जानकारी के आधार पर दोनों नौकाओं को रोका गया, जिनमें तलाशी के बाद भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद हुई। भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को बताया कि दोनों नौकाओं, चालक दल और जब्त नशीले पदार्थों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए श्रीलंकाई अधिकारियों को सौंप दिया गया है। श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त कार्रवाई पर भारतीय नौसेना ने कहा, 'यह अभियान दोनों देशों और नौसेनाओं के बीच विकसित होती गहरी साझेदारी और संबंधों की पुष्टि करता है। यह क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों से निपटने तथा हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों नौसेनाओं के संयुक्त संकल्प का भी प्रतीक है।'

अंडमान से भी हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

भारत में इतने बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त होने की क्या है वजह

ड्रग्स तस्करी न सिर्फ देश की सुरक्षा बल्कि जन स्वास्थ्य सुरक्षा, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास को बुरी तरह प्रभावित करती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है।


इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

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