देश में मिलते हैं पोषक तत्वों का खजाना ये 5 तरह के चावल

सफेद चावलों की खपत भारत में काफी ज्यादा है, लेकिन ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट का कहना होता है कि ये चावल बहुत ही कम मात्रा में डाइट में शामिल करने चाहिए. दरअसल इसके पीछे कई वजह होती हैं. सफेद चावलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है. ये लगभग 70 से 90 के आसपास रहता है. इसमें पोषक तत्व भी कम मात्रा में होते हैं और साधारण कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा पाए जाते हैं, इसलिए इसके ज्यादा सेवन से वजन बढ़ सकता है. मोटापा होने से डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है. जो लोग पहले से ही डायबिटिक हैं, उनको तो सफेद चावल खाने से खासतौर पर परहेज करना चाहिए, नहीं तो ब्लड शुगर हाई हो सकता है. हमारे देश में सफेद के अलावा चावलों की कई वैरायटी उगाई जाती हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे ऐसे ही 5 तरह के चावलों के बारे में जो पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं.
सबसे पॉपुलर फूड्स में से एक चावल उत्तर से लेकर दक्षिण तक खूब पसंद किया जाता है. ये पचने में आसान होता है, लेकिन इसमें फाइबर और कुछ पोषक तत्व कम मात्रा में पाए जाते हैं. हालांकि ये ग्लूटेन मुक्त फूड है. कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा ज्यादा होने की वजह से ये एनर्जी भी देता है. हालांकि इसके नुकसान देखते हुए कम खाने की सलाह दी जाती है. चलिए जान लेते हैं न्यूट्रिएंट्स रिच चावलों की वैरायटी.
ब्लैक राइस
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर और असम में उगाया जाने वाला ब्लैक राइस भी कई पोषक तत्वों से भरूपर होता है, जिसे वहां पर “चाक हाओ” कहते हैं. इसे आप अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं. ये काले या फिर बहुत गहरे बैंगनी रंग का होता है. इसमें मौजूद काला रंग एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट से आता है. ये फ्री रेडिकल्स से बचाने में मददगार है.
रेड राइस
भारत के दक्षिणी राज्यों केरल या तमिलनाडु में रेड राइस की खेती की जाती है. इसे “बाओ-धान” के नाम से भी जानते हैं. ये काफी लोकप्रिय चावल की किस्म हैं और आसानी से मिल जाती है. ये उत्तरकाशी और बागेश्वर में भी उगाया जाता है. ये चावल ब्लड शुगर कंट्रोल, वेट लॉस करने वालों के लिए फायदेमंद माना जाता है.
नवरा राइस
भारत में पाई जाने वाली अलग-अलग धान की किस्मों नवारा चावल भी एक किस्म है जो कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसका उपयोग स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है. ये कई एंटीऑक्सीडेंट्स और कई विटामिन-मिनरल्स से रिच होता है, इसलिए इसे शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक के फायदेमंद माना जाता है. इसे नजावारा या फिर शास्तिका शाली भी कहते हैं.
काला जीरा राइस
चावल की किस्मों की बात करें तो आप सफेद की बजाय काला जीरा राइस को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं. इसे कोरापुट काला जीरा चावल भी कहते हैं. ये चावल अपनी सुगंध और कमाल के स्वाद के लिए जाने जाते हैं और देखे में काले रंग के छोटे आकार में जीरा की तरह होते हैं. ये राइस ओडिशा के कोरापुट में काफी ज्यादा उगाया जाता है.