तीन सत्रों में हुआ कार्यक्रम, देश विदेश से आये पूर्व छात्र भी हुए शामिल

तीन सत्रों में हुआ कार्यक्रम, देश विदेश से आये पूर्व छात्र भी हुए शामिल
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उदयपुर। ज्ञान मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय सेक्टर-4 में शुक्रवार को पूर्व छात्र परिषद स्वयं के कार्यक्रम में मानों वक्त थम गया और यादें बोल उठीं । अवसर था विद्यालय के 59वें स्थापना दिवस का, जिसे ज्ञान मंदिर पूर्व छात्र परिषद स्वयं ने न सिर्फ सेवा और स्मृतियों के संकल्प से मनाया, बल्कि एक ऐसा मंच रचा जिसमें रक्तदान, स्मृति चिंतन, भावनाओं की बौछार और स्कूल विकास का वचन और विजन सब कुछ शामिल था। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक सादगी के प्रतीक टीकमचंद असावरा के नेतृत्व में हुआ। स्वयं परिषद की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें 59 यूनिट रक्तदान हुआ, मुख्य अतिथि रविन्द्र पाल सिंह कप्पू और आरसी देवेंद्र की उपस्थिति में एमबी अस्पताल की टीम ने रक्त संग्रहण किया। सर्वाधिक रक्तदान करने पर पूर्व अध्यापक योवन्तराज माहेश्वरी का विशेष सम्मान हुआ एवं सभी रक्तदाताओं को उपरणा ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया। जो पूर्व छात्र रक्तदान में नहीं आ सके, उन्होंने अगली बार रक्तदान का संकल्प किया । स्कूल के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर विद्यालय भवन को ऐसी आकर्षक विद्युत सज्जा से रोशन किया किया जिसे देखने वालों की आंखें ठहर गई। दोपहर में द्वितीय सत्र में अपनों से अपनी बात कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें पूर्व छात्र छात्राओं ने खुलकर मन की बात साझा की, विद्यालय में बिताए पलों की मधुर स्मृतियों को एक दूसरे से साझा किया । कार्यक्रम में गजानंद असावरा, डॉ. प्रशांत अग्रवाल और डॉ. कमल किशोर पोरवाल जैसे वरिष्ठ पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव सुनाए, स्कूल के बदलते स्वरूप के बीच अटल जीवन मूल्यों की सराहना की। पूर्व छात्रों ने कहा कि वे दुनिया में कहीं भी चले जाएं, किसी भी उपलब्धि को हासिल कर लें मगर अपने स्कूल के लिए वे हमेशा बच्चे ही रहेंगे। ज्ञान मंदिर के संस्कारों की अमिट छाप और जीवन मूल्यों की विरासत आज बरसों बाद भी उनके जीवन को पुष्पित व पल्लवित कर रही है।

इस अवसर पर 1994 बैच की ओर से स्कूल परिसर में नवनिर्मित वॉशरूम का उद्घाटन भी किया गया। नरेंद्र आमेटा ने बताया कि यह सत्र बेहद आत्मीय रहा जिसमें स्कूल को प्रमोट करने और उसकी भौतिक सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में गहन चर्चा की गई। तृतीय सत्र में शाम 5 से 7 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, मंच पर मुख्य अतिथि ज्ञान मंदिर समिति के अध्यक्ष श्यामसुंदर शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि विद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा इंद्रेश रही । कार्यक्रम में स्वयं कार्यकारिणी की ओर से पूर्व प्राचार्या का विशेष सम्मान, अतिथि पूर्व छात्र मनीष गांग, प्रमोद झंवर का सम्मान किया गया । सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुंजन आचार्य ने किया, जबकि प्राचार्या लीला पालीवाल ने विद्यालय की प्रगति और परिणामों की जानकारी साझा की। अध्यापिका आशा वडेरा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर विद्यालय के कई पूर्व अध्यापक भी मौजूद थे।

- विदेश में बसे पूर्व छात्र भी लाइव जुड़े

विदेश में बसे पूर्व छात्रों के लिए लाइव लिंक के जरिये कार्यक्रम से जुड़ने की व्यवस्था की गई थी, जिसमें निरंजन आमेटा, ओमप्रकाश दुबे और प्रवीण अग्रवाल ने योगदान दिया। अमेरिका, कनाडा, यूरोप, खाड़ी देशों और ऑस्ट्रेलिया से जुड़े स्कूल के पूर्व छात्रों ने न केवल कार्यक्रम देखा, बल्कि लाइव कमेंट्स में ऐसी भागीदारी की, जैसे की मानों सब यहीं उपस्थित हों। विद्यालय के इस कार्यक्रम में देशभर से करीब 350 पूर्व छात्र शामिल हुए, जिनमें कई मुंबई, पुणे, अहमदाबाद जैसे महानगरों से आए। कार्यक्रम का समापन अगले वर्ष हीरक जयंती को धूमधाम से मनाने के संकल्प के साथ हुआ, जिसमें स्कूल को अधिक आकर्षक, सुसज्जित और सुविधायुक्त बनाने का वादा किया गया।

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